साक्षी
जिस तरह पूरी दुनिया में तरह तरह के नए वायरस, कीड़े मकोड़े उत्पन हो रहे है,ऐसे में तो सही में यह प्रतीक हो रहा कि प्रकृति बहुत ही रहस्यमय है। रहस्यम तरीके के जीव जंतु, मनुष्य सब चीज। अभी सबसे बड़ी चुनौती कहे या बर्बादी उसके लिए जिम्मेदार यह कोरोना महामारी है। जिसके कारण आज पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है पर यह भी सच साबित हो रहा कि, पूरे विश्व में हर 100साल पर महामारी सामने आ रही।
बहुत से स्टडीज और रिसर्च चल रहे इस महामारी के लिए और ऐसे ही में ब्लैक डेथ (यानी ग्रेट प्लेग)- पोस्ट में दावा किया गया है कि यह 1720 में फैला था। लेकिन अमेरिका के ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबित, ब्लैक डेथ सबसे पहले 1347 से 1351 में फैला था। यानी दावे की तारीख से करीब 400 साल पहले। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, प्लेग वायरस नहीं बैक्टीरिया से फैला था। दूसरी, कॉलेरा यानी हैजा- पोस्ट में दावा है कि यह 1820 में फैला, लेकिन ‘द लैंसेट’ के मेडिकल जर्नल के मुताबिक, कॉलेरा 1817 से 1923 के बीच 6 बार फैला। इसके अलावा यह 1961 में 7वीं बार फैला था।
ऐसे ही एक प्रसिद्ध फ्लू का भी नाम सामने आया जो कि स्पेनिश फ्लू- यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, स्पेनिश फ्लू 1918 में फैला था। यानी पोस्ट में दावे से 2 साल पहले। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने भी एएफपी को बताया कि इस तरह का कोई संयोग नहीं है।सन् 1720 में दुनिया में द ग्रेट प्लेग आफ मार्सेल फैला था,जिसमें 1 लाख लोगों की मौत हो गई थी, 100 साल बाद सन् 1820 में एशियाई देशों में हैजा फैला जिससे कई लोगों ने जान गवाई और इसी तरह सन् 1918-1920 में दुनिया ने झेला स्पेनिश फ्लू का क़हर। इस बीमारी ने उस वक्त करीब 5 करोड़ लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। और अब फिर 100 साल बाद दुनिया पर आई कोरोना की तबाही, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में लॉक डाउन है। कोरोना वायरस ऐसी महामारी बनकर पूरे विश्व को तबाही मचाने अाई है और यह भी साफ है कि यह खुद उत्पन नहीं हुआ इसे बनाया गया और इसे बनाने का भी शक चीन को जाता है क्योंकि चीन के ही वुहान शहर में सबसे पहला केस आया था और फिर वहीं से पूरे देश विदेश में यह महामारी फैल गया। अभी भारत में 2,79,721 एक्टिव केसेस है इस महामारी के , जिनमें 1,36,863 मरीज ठीक हो चुके और 7,780लोगों की मौत हो चुकी।पूरे विश्व में इस महामारी के 70,39,918 केसेस हो चुके। यह महामारी एक बेहद ही गंभीर रूप धारण कर रही और दिन प्रति दिन बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही। प्रकृति के साथ समझौता और उसे कष्ट देने के कारण ही आज पूरा विश्व इस महामारी से जूंझ रहा और अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा।