यह कोरोना काल है । यानी विश्व के लिये मंदी का काल । पुरी दुनियां पर जबरदस्त मंहगाई और मंदी की मार पड़ी है । पुरी दुनियां इस घाटे से उबरने के लिये रो रही है । लेकिन कुछ ऐसी कंपनी भी जो इस मंदी में भी दिनानुदिन प्रगति पर है । और इस कोरोना काल में भी न तो किसी कर्मचारी की छंटनी भी नहीं की बल्कि इस दौरान नयी नयी भर्ती भी करता रहा । जी हाँ हम बात कर रहे हैं TCS की । रतन टाटा की TCS ने रोजगार देने के मामले में नया रिकार्ड बनाया है ।
देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी टीसीएस ने अपने 5 लाख कर्मचारी पूरे कर लिए। इस साल केवल अप्रैल से लेकर जून तक इस कंपनी ने हर रोज 225 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया। इसी के साथ रोजगार देने के मामले में टीसीएस देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी बन गई है।
बीते क्वाटर में यानी अप्रैल से जून तक कंपनी ने 20,409 कर्मचारियों को नौकरी दी है। इसके बाद कंपनी में कुल कर्मचारियों की संख्या पांच लाख से ज्यादा हो गई है। कंपनी ने आने वाले साल तक 40 हजार फ्रेशर्स को नौकरी देने की योजना बनाई है। बीते साल भी कंपनी ने 40 हजार फ्रेशर्स को काम पर रखा था।
टीसीएस अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी गई है। पहले नंबर पर Accenture का नाम आता है। इस कंपनी में 5.37 लाख लोग काम कर रहे हैं। टीसीएस के अलावा इंफोसिस में करीब 2.5 लाख, एचसीएल टेक में 1.6 लाख और विप्रो में 1.9 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इस समय देश में टीसीएस से बड़ा संस्थान केवल भारतीय रेलवे है। यहां काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 10 लाख से ज्यादा है।
कंपनी ने पिछले क्वाटर में 20,409 लोगों को नौकरी पर रखा है। इस हिसाब से कंपनी पिछले 90 दिनों में हर रोज 227 लोगों को नौकरी दी है। हिसाब लगाया जाए तो कंपनी ने इस दौरान घंटे में करीब 10 लोगों को और हर 6 मिनट पर एक व्यक्ति को नौकरी दी है।
लोगों को रोजगार देने के साथ साथ कंपनी ने अपने मुनाफे में भी बड़ी छलांग लगाई है। पिछले क्वाटर के मुकाबले इस क्वाटर में टीसीएस ने 28% ज्यादा मुनाफा कमाया है। टीसीएस ने इस क्वाटर में रेवेन्यू में 45,111 करोड़ रुपये रजिस्टर किये हैं। इसमें 18।5% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा कंपनी का शुद्ध लाभ 9008 करोड़ रुपये है, जो कि 28।5% की वृद्धि है। टीसीएस ने साल के इस क्वाटर में 8.1 बिलियन के सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं।