मोदी सरकार ने कल शाम तमाम अटकलों पर विराम देते हुए अपने कैबिनेट का विस्तार कर लिया । यह कैबिनेट विस्तार पुरी तरीके से भाजपा के मिशन 2022 का हिस्सा है । यह मिशन उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर बनाया गया है । इस कैबिनेट विस्तार में यूपी के सात मंत्री बनाए गए हैं । कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को तूल दी गई है।
इसमें अपना दल की नेता और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल, लखनऊ के मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर, आगरा से सांसद सत्य पाल सिंह बघेल, जालौन से सांसद भानू प्रताप सिंह वर्मा, राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, खीरी से सांसद अजय मिश्र और महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को मंत्री पद सौंपा गया।
गौर करने वाली बात यह है कि कैबिनेट विस्तार में तीन एससी वर्ग और तीन ओबीसी वर्ग के मंत्रियों को शामिल किया गया है। वहीं एक ब्राह्मण को जगह दी गई है।
दरअसल इस कैबिनेट विस्तार में 3 एससी वर्ग 3 ओबीसी वर्ग एक ब्राह्मण चेहरा होने के अलावा एक भी मुस्लिम चेहरा ना होने के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ उदित राज ने ट्विटर के जरिए तंज कसा है। उन्होंने कहा कि
“भागवत जी आपने कहा था कि मुसलमान और हिन्दू एक हैं, DNA समान हैं लेकिन आज 39 नए मंत्री बने जिसमे मुसलमान एक भी नही है।”
दरअसल आपको बता दें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को ख्वाजा इफ्तार अहमद की लिखित पुस्तक ‘द मीटिंग ऑफ माइंड्स’ का विमोचन करते हुए कहा, हम एक हैं और इसका आधार हमारी मातृभूमि है।
इसलिए यहां कभी झगड़ा करने की जरूरत नहीं पड़ती। हम समान पूर्वजों के वंशज हैं। हम भारत के सब लोगों का डीएनए समान है। चाहे वे किसी भी धर्म के हों। मोहन भागवत के इस बयान से सोशल मीडिया पर सियासत काफी तेज हो गई थी।
पीएम मोदी को मिलाकर यूपी से अभी तक 10 मंत्री थे, जिनमें से संतोष गंगवार ने इस्तीफा दे दिया है। यूपी से सात नए मंत्रियों की जगह दी गई है, जिसको मिलाकर 16 मंत्री हो गए हैं। बीजेपी के लिए 2022 का चुनाव काफी अहम है और पार्टी सूबे की सियासत में किसी तरह का कोई गुंजाइश नहीं रखना चाहती है।