लॉकडाउन की वजह से मजदूर पैदल ही चल दे रहे हैं । ऐसे में इनके साथ दुर्घटनाएं भी हो जाती है । ऐसा ही एक वाकया महाराष्ट्र के सतना जिले से पैदल अपने गाँव जा रही महिला के साथ हुआ । महिला गर्भवती थी और रास्ते में ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गया । ऐसे में महिला ने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दिया । लेकिन विधि का विधान देखिए, प्रसव के दो घंटे बाद ही महिला फिर अपने गांव की और चल पड़ी ।
महिला का नाम शकुंतला है । लोग नासिक से 30 किमी पहले से पैदल चलकर आ रहे थे । सफर के दौरान नासिक और धूलिया के बीच महाराष्ट्र के ग्राम पिपरी में शकुंतला को प्रसव पीड़ा होने लगी । आसपास कोई अस्पताल न होने के कारण साथ चल रही महिलाओं ने सड़क किनारे ही साड़ियों की आड़ कर शकुंतला को प्रसव कराया और उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया ।
शकुंतला के पहले से चार बच्चे हैं। ये उनका पांचवां बच्चा है । वह अपने पति एवं चार बच्चों के साथ सतना के समीप ग्राम उचेरा के लिए निकली थीं । प्रसव के बाद ऐसी स्थिति में शकुंतला ने फिर से चलना शुरू कर दिया और रविवार शाम मध्यप्रदेश के सेंधवा पहुंचे। महिला ने प्रसव के पहले करीब 70 किमी और प्रसव के बाद 160 किमी पैदल ही यात्रा पूरी की ।
राज्य की सीमा पर जांच कर रहे पुलिसवालों की जब महिला पर नजर पड़ी तो उन्होंने पूछताछ की । सारी घटना जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश स्थित बिजासन चौकी के पुलिसकर्मियों ने शकुंतला, उनके पति और नवजात बच्चे सहित पांचों बच्चों को एकलव्य छात्रावास में पहुंचाया, जहां उनके रुकने और खाने की व्यवस्था के साथ ही उन्हें उनके गांव छोड़ने के लिए बस की व्यवस्था भी कराई गई ।