कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा पूरे देश में बना हुआ है. देश में संक्रमितों की संख्या 70 हजार के पार जा चुकी है. कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन (Lockdown) में लोग देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं. ऐसे में झारखंड (Jharkhand) के गढ़वा जिले के रांका से चौंकाने वाला केस सामने आया है. जहां एक मां ने लॉकडाउन में फंसे अपने बेटे के लौटने के बाद उसे क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Centre) में रहने को कहा तो उसने फांसी लगा ली.
महाराष्ट्र (Maharashtra) में काम कर रहे 19 साल के इस शख्स को उसकी मां ने कोरोना वायरस का खतरा सुनकर घर वापस बुला लिया. मां के कहने पर बेटा भी किसी तरह परेशानी झेलकर घर पहुंचा. घर पहुंचने के बाद जब इस शख्स की मां ने उससे क्वारंटाइन सेंटर में रहने के लिए कहा तो उसने अपनी जान दे दी.
1400 किमी सफर कर वापस पहुंचा था गांव
मुकेश कुमार नाम का ये शख्स सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब महाराष्ट्र के शोलापुर से करीब 1400 किमी का सफर करने के बाद रांका में अपने गांव हाटदोहर में पहुंचा था. घर पहुंचने के बाद उसके माता-पिता ने उससे क्वारंटाइन सेंटर में रहने के लिए कहा. उन्होंने ये भी कहा कि आस-पास के लोग भी यही कह रहे हैं कि उसे क्वारंटाइन सेंटर में रहना चाहिए लेकिन फिर भी वह नहीं माना. उसने अपने माता-पिता की बात का कोई जवाब नहीं दिया.
थोड़ी देर में मुकेश ने अपनी मां से पूछा कि आज खाना क्या बना है. इस पर मां ने बताया कि आलू की सब्जी और भात बना है. इसके बाद मुकेश ने अपने बैग में रखे एक बिस्किट के पैकेट से बिस्किट खाकर पानी पिया और अपना बैग लेकर निकल गया.
अपने ही गमछे से लगाई फांसी
मुकेश ने घर से कुछ दूरी पर ही एक पेड़ पर अपने गमछे से फांसी लगा ली. बेटे के काफी देर तक नहीं लौटने पर उसकी मां उसे ढूंढने के लिए निकली. घर से कुछ ही दूरी पर एक पेड़ पर अपने बेटे का शव देखकर वह चिल्लाने लगी. महिला की आवाज़ सुनकर गांव वाले वहां पहुंचे. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. थाना प्रभारी ने शव को पेड़ से उतरवाकर उसे पोर्टमार्टम के लिए भेज दिया.