देश गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा है, वहीं सेना के जवान सीमा पर विपरीत हालातों के बावजूद देश की सुरक्षा में डटे हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों की यह तस्वीर इसी की एक बानगी है। आईटीबीपी के जवान उत्तरी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर करीब 19 हजार फीट की ऊंचाई और माइनस 30 डिग्री तापमान में तैनात हैं, जहां ऑक्सीजन का स्तर भी बहुत कम होता है। बर्फीली हवाएं और हडि्डयां गलाने वाली ठंड भी इनके हौसले नहीं तोड़ पातीं। इसी वजह से इन्हें ‘हिमवीर’ कहा जाता है। ये अपनी हर सुबह की शुरुआत राष्ट्रध्वज के साथ करते हैं।
58 सालों से हिमालयी सीमाओं के रक्षक आईटीबीपी की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को हुई थी। स्थापना के बाद से ही आईटीबीपी के जांबाज दुरूह भारत-चीन सीमा पर तैनात रहे हैं। वे अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर लद्दाख तक भारत-चीन सीमा पर हिमालय के बीच 9,000 से 19,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात रहते हैं। भारत-चीन-नेपाल सीमा मिलाकर ये करीब 2115 किमी सीमा की रक्षा करते हैं। 4 पलटन से शुरू हुई आईटीबीपी अब 45 पलटनों तक पहुंच चुकी है।
भारत आज यानी 26 जनवरी 2020 को 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजपथ पर रविवार को आयोजित होने वाले समारोह में देश की बढ़ती हुई सैन्य शक्ति, बहुमूल्य सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-आर्थिक प्रगति का भव्य प्रदर्शन होगा। भारत के गणतंत्र के रूप में स्थापित होने की वर्षगांठ पर आयोजित नब्बे मिनट के समारोह में ब्राजील के राष्ट्रपति जायेर बोलसोनारो मुख्य अतिथि होंगे। उपग्रह भेदी हथियार ‘शक्ति, थलसेना का युद्धक टैंक भीष्म, इन्फैंट्री युद्धक वाहन’ और हाल ही में भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए चिनूक और अपाचे युद्धक हेलीकाप्टर भव्य सैन्य परेड का हिस्सा होंगे।
राजपथ पर राष्ट्र की बहुमूल्य सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक प्रगति को दर्शाने वाली 22 झांकियों में से 16 झांकियां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी और छह विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की होंगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि स्कूली बच्चे नृत्य और संगीत के माध्यम से युगों पुरानी योग परंपरा और आध्यात्मिक मूल्यों का संदेश देंगे। गणतंत्र दिवस परेड समारोह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट के समीप स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक पर जाकर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।