शनिवार को बिजली कंपनी ने अपने 1 करोड़ 60 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को एसएमएस कर अपील की कि वे बत्ती मसलन बल्ब या ट्यूबलाइट ही बंद करें, अन्य उपकरणों अर्थात पंखा, एसी या अन्य सामान नहीं। साथ ही यह भी कहा है कि इस दौरान पुलिस थाने, अस्पताल सहित अन्य आवश्यक सेवाओं में बत्ती जलती रहेगी। साउथ बिहार के एमडी संजीवन सिन्हा ने एसएमएस भेजने की पुष्टि की।
दरअसल, एकबारगी बत्ती बंद होने के कारण बिहार में 10 से 15 फीसदी बिजली की खपत में कमी आएगी। अचानक से बिजली का लोड कम होने के कारण उत्पादन और संचरण व्यवस्था पर इसका असर हो सकता है। अचानक से बिजली की मांग कम होने के कारण स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर पर अधिक दबाव आ जाएगा। ऐसे में सिस्टम को बंद करने की मजबूरी हो जाएगी। ट्रांसमिशन पर असर हुआ तो बिजली की उत्पादन इकाइयां भी प्रभावित होंगी। उत्पादन इकाइयों से बिजली नहीं जाने पर बिजली घर को बंद करना पड़ेगा।
एक बार बंद होने पर बिजली घरों को फिर से चालू करने में समय लग सकता है। इसलिए कंपनी की कोशिश है कि 9 बजे के पहले ही कुछ इलाकों की बिजली काट दी जाए। ऐसे में अगर 9 बजे सिस्टम पर लोड बढ़ा तो उन इलाकों में बिजली दे दी जाएगी, जहां काटी गई है।अचानक बत्ती बुझाने के कारण उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों ने बिजली कंपनी अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत की और कई निर्देश दिए।
कंपनी के अधिकारियों ने केंद्र सरकार को भरोसा दिया है कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखेंगे। रात 9 बजकर 9 मिनट के बाद भी बिहार में बिजली सप्लाई में कोई परेशानी नही होगी।
वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी के प्रबंधक विश्वनाथ चंदन ने कहा कि सभी उत्पादन इकाई में आला अधिकारियों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके। एनटीपीसी को भरोसा है कि लोगों द्वारा अपने अपने घरों की केवल बत्ती ही बुझाई जाएगी और बिजली से चलने वाले अन्य उपकरण यथावत जारी रखे जाएंगे, जिससे बिजली की मांग में कोई ज्यादा कमी नहीं आएगी।