केशव दत्त । आप लोगों ने शायद नाम नहीं सुना होगा । 1983 के बाद अगर आपका जन्म हुआ है तो आप क्रिकेट युग में जी रहे हैं । इसलिये भी आपको ऐसे खिलाड़ी का नाम याद नहीं रहता । खैर हम आपको बता रहे हैं । केशव दत्त 1948 में लंदन खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा थे । जहां भारत ने स्वतंत्रता के बाद पहली बार हॉकी में स्वर्ण पदक जीता। वह हेलसिंकी ओलिंपिक में 1952 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का भी हिस्सा रहे।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने बयान में कहा,
‘आज तड़के दिग्गज हाफबैक केशव दत्त के निधन के बारे में सुनकर हम सभी को काफी दुख हुआ। वह 1948 और 1952 ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों के एकमात्र जीवित सदस्य थे और आज ऐसा लग रहा है कि एक युग का अंत हो गया।’
उन्होंने कहा,
‘हम सब स्वतंत्र भारत के लिए ओलिंपिक में उनके यादगार मुकाबलों की शानदार कहानियां सुनते हुए बड़े हुए और उन्होंने देश में हॉकी खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया। हॉकी इंडिया उनके निधन पर शोक जताता है और महासंघ की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति संवेदानाएं जाहिर करता हूं।‘
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। ममता ने ट्वीट किया, ‘हॉकी जगत ने आज एक वास्तविक महान खिलाड़ी को खो दिया। केशव दत्त के निधन से दुखी हूं। वह 1948 और 1952 में ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा थे। भारत और बंगाल के चैंपियन। उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदनाएं।’
अमित शाह ने भी उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है,
‘ओलंपिक में दो बार गोल्ड मेडल जीतने वाले केशव दत्त ने हॉकी व खेल जगत में भारत का मान बढाया और युवाओं को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। बंगाल में हॉकी को पॉपुलर बनाने में उनका अहम योगदान है। उनका निधन खेल जगत के लिए बड़ी क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति’