एक मुगल शासक जो आधा मुसलमान था आधा हिन्दुस्तान । जो कुराण भी पढ़ता था और गीता भी । आज वह गुमनामी के अंधेरे मे हैं । केबीसी के एक सवाल में भी कंटेस्टेंट ने उनके नाम को जवाब में नहीं दिया और क्विट कर गए वजह बस यही थी कि आज तक इतिहास ने औरंगजेब का जिक्र तो किया है लेकिन उनके भाई दारा शिकोह का नहीं ।
मुगल शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की कब्र को खोजने के लिए केंद्र सरकार ने 7 सदस्यी कमिटी का गठन कर दिया है। माना जा रहा है कि दारा शिकोह की कब्र दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पास हो सकती है।
कहा जाता है कि औरंगजेब से हारने के बाद दारा शिकोह का सिर काटकर आगरा भेज दिया गया था जबकि धड़ को हुमायूं के मकबरे के पास कहीं दफना दिया गया था। लेकिन कब्र खोजना आसान नहीं है क्योंकि यहां मुगल वशंजों की करीब 140 कब्रें हैं।
दारा शिकोह को जिस समय उसके पिता शाहजहां ने अगला बादशाह घोषित किया था उसके एक हाथ में पवित्र कुरान थी और दूसरे हाथ में था उपनिषद। वो मानता था कि हिन्दू और इस्लाम धर्म की बुनियाद एक है। वो नमाज भी पढ़ता था और प्रभु नाम की अंगूठी भी पहनता था। मस्जिद भी जाता था और मंदिर में भी आस्था रखता था। लेकिन सत्ता की लड़ाई में उसे काफिर बताकर मार दिया गया। तभी से ये सवाल भी बना हुआ है कि क्या भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास अलग होता अगर औरंगजेब की जगह दारा शिकोह भारत का बादशाह बनता।
दारा शिकोह वो मुगल शासक जिसके साथ इतिहास ने छलावा किया और गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया। उस दारा शिकोह को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए मोदी सरकार आगे आई है। जिस दारा शिकोह ने हिन्दू धर्म ग्रंथों का फारसी में अनुवाद किया था। उस दारा शिकोह को इतिहास के दफ्न पन्नों से बाहर निकालने का बीड़ा मोदी सरकार ने उठाया है। जिस दारा शिकोह के साथ उसके सगे भाई औरंगजेब ने क्रूरता की हदें पार कर दी थी और उसका सिर कलम करवा दिया था,
1659 में हुई थी दारा शिकोह की मौत
बताया जाता है कि, 1659 में दारा शिकोह की मौत हो गई थी। शाहजहांनामा के मुताबिक, औरंगजेब से युद्ध हारने के बाद दारा शिकोह को दिल्ली लाया गया था। कुछ दिन कैद में रखने के बाद औरंगजेब के आदेश पर एक सिपाही ने शिकोह की गर्दन धड़ से अलग कर दी थी और उसे आगरा भिजवा दिया
दारा शिकोह ने ‘गीता‘ का फारसी में अनुवाद किया था
दरअसल, दारा शिकोह ने ‘गीता’ का फारसी में अनुवाद किया था। उन्होंने 52 उपनिषदों का भी अनुवाद किया था। दारा शिकोह का नाम उदारवादी सोच और बड़े विचारकों में गिना जाता है। इतिहासकार बताते हैं कि दारा शिकोह ने हिंदु और इस्लाम की परंपराओं के बीच समानताएं तलाशने की भी कोशिश की थी। माना जा रहा है कि मोदी सरकार दारा शिकोह की कब्र और उनका इतिहास बताकर उसे हिन्दुस्तान का ‘सच्चा मुसलमान’ साबित करना चाहती है।
कब्र ढूंढने के लिए कमिटी को 3 महीने का वक्त
मोदी सरकार ने कब्र को खोजने के लिए कमिटी को 3 महीने का वक्त दिया है। कमिटी में टीए अलोन, वरिष्ठ पुरातत्व विशेषज्ञ आरएस बिष्ट, केएन दीक्षित, सईद जमाल हसन, केके मोहम्मद, बीआर मणि, सतीश चंद्र और बीएम पांडे शामिल हैं। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल हुमायूं के मकबरे पर गए थे।