सरकार के निर्देश के बाद गुरुवार (8 अक्टूबर, 2020) को झारखंड के रजरप्पा स्थित सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिके के मंदिर के कपाट खोल दिये गये. मंदिर खुलने के पहले दिन भक्तों की संख्या बहुत कम रही, लेकिन अहले सुबह तीन बजे से ही श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे थे. सुबह चार बजे मां छिन्नमस्तिके देवी की मंगल आरती हुई. इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया गया. इसके बाद भक्तों ने बारी-बारी से मां छिन्नमस्तिके देवी की पूजा-अर्चना की. उधर, पूजा-अर्चना के नाम पर ऑनलाइन टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं को वेबसाइट (rajrappa.in) पर टिकट बुक कराने के लिए प्रति टिकट 200 रुपये देने पड़े. इससे भक्तों में नाराजगी देखी गयी. हालांकि, डीसी ने कहा कि पुराने सॉफ्टवेयर की वजह से कुछ लोगों को पैसे देने पड़े. अब किसी को पैसे नहीं देने होंगे. इसके अलावे मंदिर में बकरे की बलि का भी समय बदले जाने से लोगों को काफी परेशानी हुई. यहां प्रशासन से सुबह पांच बजे से छह बजे तक एवं दोपहर 12 बजे से दो बजे तक बकरे की बलि का समय निर्धारित किया है.
कई लोगों ने बताया कि बकरे की बलि के लिए इन्हें चार-पांच घंटा रुकना पड़ा. मंदिर खुलने को लेकर यहां जगह-जगह 9 दंडाधिकारी व कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मंदिर से लगभग एक किमी पूर्व ही श्रद्धालुओं के वाहनों को रोक दिया जा रहा है. इससे उन्हें मंदिर पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है. इस नयी व्यवस्था पर मंदिर के पुजारियों में भी रोष देखा गया. पुजारियों का कहना था कि कोरोना से बचाव को लेकर सरकार के गाइडलाइन का हर हाल में पालन किया जायेगा. लेकिन, ऑनलाइन टिकट के लिए पैसा लेना और बकरे की बलि के समय में परिवर्तन करने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई. उधर, विधि-व्यवस्था को लेकर मुख्यालय डीएसपी प्रकाश सोय, बीडीओ उदय कुमार सहित कई अधिकारियों ने जायजा लिया.
स्थानीय विधायक ममता देवी गुरुवार को रजरप्पा मंदिर पहुंचीं. उन्होंने मां छिन्नमस्तिके देवी की विधिवत पूजा-अर्चना की. इसके बाद पुजारियों व दुकानदारों ने उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में बताया. विधायक को बताया गया कि यहां दर्शन के लिए नि:शुल्क ऑनलाइन टिकट बुक कराने को कहा गया है, लेकिन टिकट के एवज में 200-200 रुपये लिये जा रहे हैं. साथ ही प्रशासन ने नदी किनारे के 150 दुकानों को भी हटाने का निर्देश दिया है. इससे उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. पुजारियों ने भी कहा कि बकरे की बलि के समय में परिवर्तन कर दिया गया है. इसकी वजह से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है. इस पर विधायक ने कहा कि इन सभी पहलुओं से वह मुख्यमंत्री को अवगत करायेंगी. विधायक ने कहा कि ऑनलाइन टिकट के पैसे लेने की बात प्रशासन ने नहीं बतायी है. उन्होंने कहा कि रजरप्पा मंदिर में मां छिन्नमस्तिके के दर्शन के लिए कभी भी श्रद्धालुओं ने टिकट के नाम पर पैसा नहीं दिया. फिर आज ऐसा कैसे हो रहा है.
झारखंड के पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह रजरप्पा मंदिर पहुंचे. उन्होंने मां छिन्नमस्तिके की पूजा की. इसके बाद उन्होंने कहा कि लगभग छह माह से मंदिर बंद होने के कारण उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. यहां 1,500 दुकानदारों के साथ-साथ मंदिर परिसर और इसके आसपास काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गये थे. हाइकोर्ट ने सरकार को नवरात्रि से पहले मंदिर खोलने का निर्देश दिया. इसके बाद आज से मंदिर के कपाट खुल गये हैं. उन्होंने कहा कि मां छिन्नमस्तिके ने मेरी फरियाद सुनी और मंदिर खुला. उन्होंने ऑनलाइन टिकट के लिए प्रति व्यक्ति 200-200 रुपये लिये जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वे मुख्य सचिव से बात करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यहां बकरे की बलि के समय में परिवर्तन करना उचित नहीं है. यह मंदिर हजारों साल पुरानी है. प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना पाप होगा. उन्होंने कहा कि वह स्वयं नौ लोग यहां आये हैं और इसके लिए ऑनलाइन टिकट के 1,800 रुपये का भुगतान किया है.
रामगढ़ के उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा है कि टिकट की बुकिंग मुफ्त में ही हो रही है. पुराने सॉफ्टवेयर की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई थी. डीसी ने बताया कि काफी पहले जिला प्रशासन ने छिन्नमस्तिके मंदिर में वीआइपी दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की बात कही थी. उसी वक्त सॉफ्टवेयर तैयार किया गया था. ऑनलाइन टिकट के लिए उसी वेबसाइट को चालू कर दिया गया था, जिसकी वजह से शुरू में टिकट बुक कराने वाले कुछ लोगों को पैसे देने पड़े. अब मुफ्त में टिकट की बुकिंग हो रही है.