कहते हैं कलियुग में चमत्कार नहीं होते । इस विज्ञान के युग में लोग इन बातों को मानते भी नहीं । लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है कि हम चमत्कार को नमस्कार कर देते हैं । ऐसा ही एक मामला सीहोर का है । यहाँ की एक साध्वी के यहाँ ऐसे चमत्कार रोज दिखाई देते हैं । यह साध्वी कान्हा की भक्ति में ऐसी रमी है कि लोग उन्हे कलियुग की मीरा कहने लगे हैं ।

जिले के एक गांव मोलगा में रहनेवाली साध्वी सुनीता वर्मा कृष्णजी की अनन्य भक्त हैँ। वे कृष्ण मंदिर Krishna Mandir में ही रहती हैं, दिनभर कृष्ण की पूजा—पाठ—भजन—कीर्तन में लगी रहती हैं। बचपन से ही उन्हें श्रीकृष्ण Shri Krishna से लगाव था, वे पूजा करती थीं।
वे बताती हैं कि बाल्यकाल में एक रात श्रीकृष्ण ने सपने में आकर कहा— तुम द्वापर युग में गोपी थीं। अन्य गोपियां तुम्हारा मक्खन छीनकर खा लेती थीं, इस बार अब मैं तुम्हें मक्खन का ही वरदान देता हूं। दूसरे दिन जैसे ही पूजा समाप्त हुई हाथ पर अपने आप मक्खन आने लगा।
इसके बाद तो रोज ही यही होता है। साध्वी सुनीता बाई जैसे ही गीता पाठ के बाद उठती हैं, यह चमक्कार प्रारंभ हो जाता है। कई सालों से उनके हाथों से रोज यूं ही खद ब खुद मकखन निकलता है और वे इसे प्रसाद के रूप में बांट देती हैं। उनके इस चमत्कार को देखने के लिए कई लोग रोज गांव में मंदिर में आते हैं।
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वे न केवल इस चमत्कार को अपनी आंखों से देखते हैं बल्कि पूजा के बाद इस मक्खन को ही प्रसाद के रूप में प्राप्त भी करते हैं। जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर इस गांव की पहचान ही साध्वी सुनीता बाई के कारण होने लगी है। जन्माष्टमी Janmashtami पर गांव में विशेष आयोजन होते हैं।