सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को भारत रत्न (Bhart Ratna) न दिए जाने को लेकर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सिलसिले में केंद्र सरकार को भी कोई दिशा निर्देश देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वे राष्ट्रपिता हैं और उन्हें औपचारिक सम्मान की जरूरत नहीं है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार से बातचीत करने की हिदायत दी है।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) अरविंद बोबडे ने कहा कि लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बेहद सम्मान करते हैं ऐसे में उन्हें भारत रत्न जैसे सम्मान की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि गांधी जी राष्ट्र के पिता हैं और उन्हें किसी औपचारिक सम्मान की जरूरत नहीं है।
बता दें कि महात्मा गांधी को कभी भी भारत रत्न नहीं दिया गया है। साल 2012 में भी कर्नाटक हाईकोर्ट में गांधी को भारत रत्न न दिए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। उस वक्त भी इसे खारिज कर दिया गया था। एक आरटीआई से पता चला था कि कई बार महात्मा गांधी को भारत रत्न दिए जाने को लेकर सरकार को सिफारिश भेजी गई थी। लेकिन उन्हें ये सम्मान नहीं दिया गया।