पुरे भारत में के साथ रविवार की शाम साढ़े पांच बजे घरों से ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि’ प्रार्थना की गूंज सुनाई देने लगेगी। लॉकडाउन के चलते स्वयंसेवकों को सक्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रीय स्तर पर यह योजना बनाई है। इसी कारण शाखाएं बंद चल रही हैं।
संघ ने कुटुंब शाखाएं आरंभ कर दी हैं, जिसमें स्वयंसेवक अपने घरों पर ही ध्वज लगाकर स्वजनों के साथ शाखा लगा रहे हैं। यह योजना इसी कुटुंब शाखा का वृहद रूप है, लेकिन इसमें सारा फोकस संघ की प्रार्थना पर होगा।
यह सायं शाखा होगी, जो प्रत्येक स्वयंसेवक के घर में शाम पांच बजे आरंभ होगी। ध्वज लगाकर ध्वज प्रणाम आदि करने के बाद ठीक साढ़े पांच बजे प्रार्थना होगी। संघ के कानपुर प्रांत प्रचार प्रमुख अनुपम ने बताया कि प्रार्थना का समय निर्धारित है।
स्वयंसेवक अपने परिवार के साथ घर में ही छत या खुले स्थान पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शाखा लगाएंगे। यह गतिविधि मनोबल बढ़ाने वाली होगी।
1939 में हुई थी प्रार्थना की रचना :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन हुई थी। प्रार्थना की रचना नरहरि नारायण भिड़े ने की थी, जिसे पुणे में संघ शिक्षा वर्ग के दौरान फरवरी 1939 में सबसे पहले गाया गया था।