देश में नोटबंदी के बाद जब 2000 के नोट लाए गए थे तो माना गया था कि यह फेक करेंसी और कालेधन का जवाब बनेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. ये दावा राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के द्वारा जारी आंकड़े कर रहे हैं. जिसमें बताया गया है कि देश में जब्त किए जा रहे नकली नोटों में सबसे अधिक संख्या 2000 के नोट की ही है, जो कई तरह के सवाल खड़े करता है. अंग्रेजी अखबार द हिन्दू पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इकट्ठे किए गए डाटा में बताया गया है कि 2018 के मुकाबले पिछले साल 2019 में सबसे अधिक नकली नोटों को जब्त किया गया. NCRB के मुताबिक, 2019 में देश में कुल 25.39 करोड़ रुपये की नकली भारतीय करेंसी जब्त की गई. जबकि 2018 में ये आंकड़ा सिर्फ 17.95 करोड़ था. सरकारी डाटा के मुताबिक, 2019 में 2000 के कुल 90566 नकली नोट जब्त किए गए. इनमें से सबसे अधिक कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल से थे.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को देश में नोटबंदी लागू की थी. जिसके तहत 500-1000 के नोट बंद किए गए थे, इसका मकसद था देश में फैल रहे काले धन और नकली नोटों की करेंसी को बंद करना. लेकिन अब चार साल बाद एक बार तस्वीर घूमकर वहीं आती दिख रही है. इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी रिपोर्ट में कह चुका है कि 2019-20 के वित्तीय वर्ष में उसने 2000 के नए नोट नहीं छापे हैं. देश में भी 2000 के नोट अब कम सर्कुलेशन में हैं, इसके बावजूद बड़ी संख्या में नकली नोट जब्त किए जा रहे हैं. 2000 के नोट के अलावा पिछले साल करीब 71 हजार से अधिक सौ के नकली नोट जब्त किए गए. जिसमें से सबसे अधिक दिल्ली, गुजरात और यूपी से थे. देश में काले धन और नकली करेंसी के खिलाफ अभियान चलाने वाली एनआईए ने साल 2019 में इस मामले से जुड़े कुल 14 केस दर्ज किए थे. इस दौरान 2000 के 14 हजार के करीब नोट मिले थे. बता दें कि नकली करेंसी को रोकने के लिए एनआईए ने एक स्पेशल यूनिट का गठन किया है.