देश के उत्तरी क्षेत्र के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों से मानसून की औपचारिक विदाई के साथ ही जाड़े के मौसम का आगाज शुरु हो गया है। आगामी जाड़े की सीजन में जहां कड़ाके की ठंड पड़ेगी, वहीं सर्दी मौसम के लंबा होने का अनुमान है। हवाओं में घटती आर्द्रता, सूखी तेज हवाएं और साफ होते आसमान से ठंड की आहट शुरु हो जाती है, जो हो चुकी है।
मानसून के लौटने के साथ ही आकाश से बादल छूमंतर हो चुके हैं। इससे दिन में चटक धूप के बावजूद उमस कम हो गई है। लेकिन रात के तापमान में गिरावट का रुख है। सर्दी के मौसम के शुरु होने के इन्हीं तथ्यों को संकेतक कहा जाता है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि 15 अक्तूबर से दिन के तापमान में भी कमी आने लगेगी, जिसके बाद जाड़े की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी।
सर्दी का मौसम हो सकता है लंबा
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक जीपी शर्मा का कहना है कि हवाओं का रुख बदलने लगा है। निम्न दवाब वाले उत्तरी क्षेत्रों में अब उच्च दबाव की वजह से हवाओं की रफ्तार बढ़ी है। बीती रात सूखी तेज हवाएं चलीं। स्काईमेट वीदर सर्विस से जुड़े वैज्ञानिक शर्मा ने विस्तार से इस बारे में बताया कि इस समय ‘ला नीना’ की स्थिति बन रही है। इसके चलते जहां सर्दी का मौसम लंबा हो सकता है वहीं ठंड भी कड़ाके की पड़ सकती है। इसी वजह से मानसून की बारिश भी पूरे देश में सामान्य से ज्यादा हुई है। जबकि अल नीना की स्थिति में इसका उल्टा होता है।