करीब 68 साल बाद एअर इंडिया घर वापसी कर सकती है। खबर है कि टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने एअर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगाई है। बोली लगाने की आज अंतिम तारीख थी। एअर इंडिया पहले टाटा ग्रुप के पास ही थी। विनिवेश विभाग Department of Investment and Public Asset Management ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है।
बोली लगाने का समय 6 बजे तक था। जो भी कंपनी इस बिड में फाइनल की जाएगी, उसे दिसंबर तक एअर इंडिया सौंप दी जाएगी।
1932 में टाटा ने शुरू की थी एअर इंडिया
एअर इंडिया को 1932 में टाटा ग्रुप ने ही शुरू किया था। टाटा समूह के जे.आर.डी. टाटा इसके फाउंडर थे। वे खुद पायलट थे। तब इसका नाम टाटा एअर सर्विस रखा गया। 1938 तक कंपनी ने अपनी घरेलू उड़ानें शुरू कर दी थीं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदी।
मुंबई का ऑफिस भी डील में शामिल
इस डील के तहत एअर इंडिया का मुंबई में स्थित हेड ऑफिस और दिल्ली का एयरलाइंस हाउस भी शामिल है। मुंबई के ऑफिस की मार्केट वैल्यू 1,500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। मौजूदा समय में एअर इंडिया देश में 4400 और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।