वो ऑर्डर करने से पहले पुछते हैं कि झटका है या हलाल । कंपनी बड़ी-बड़ी तख्ती लगाती है कि हम हलाल सर्टिफाइड हैं । और आप कहते हैं खाने का कोई मजहब नहीं होता । तो फिर हमारा इतना तो हक बन ही सकता है कि हम क्या खाएं और क्या न खाएं । अगर मेरा मन एक ऐसे युवक से सामना लेने का नहीं है तो ये हमारा निजता का अधिकार है । और आपको कोई हक नहीं कि आप हमारे निजता के मामले में दखल दें ।
कल जो हुआ उसमें कहीं न कहीं गलती स्विगी की भी है । एक हिन्दू शख्श ने चिकन का आर्डर करने बाद खास इंस्ट्रक्शन दिया कि डिलवरी बॉय हिन्दू होना चाहिये । लेकिन स्विगी ने फिर भी मुसलमान डिलवरी बॉय को भेजा । भारत में कम से कम इसकी तो आजादी होनी चाहिये कि हमें क्या खाना चाहिये, किनसे खाना चाहिये । अगर धर्म का किनारा भी कर दें तो भी स्विगी को चाहिये कि वो स्पेशल इंस्ट्रकशन वाले केस में ग्राहकों का सम्मान करें । आप हम पर जबरन अपनी सुविधाएं नहीं थोप सकते ।
हैदराबाद पुलिस ने मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से खाना लेने से इनकार करने वाले शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल, हैदराबाद के अलीबाद इलाके में अजय कुमार नाम के एक शख्स ने मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय मुदस्सिर से खाना लेने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद मुदस्सिर ने कथित तौर पर खाना लेने से मना करने वाले शख्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
Hyderabad Police: Case registered against one Ajay Kumar for refusing food delivery by a Muslim, Mudassir, in Aliabad, Hyderabad। The complaint was lodged by Mudassir, further investigation underway। #Telangana
— ANI (@ANI) October 26, 2019
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस इंस्पेक्टर पी। श्रीनिवास ने बताया कि स्विगी (swiggy) के डिलीवरी ब्वॉय मुदस्सिर सुलेमान की शिकायत पर केस दर्ज किया गया और मामले की जांच जारी है।शिकायतकर्ता ने कहा था कि एक ग्राहक ने ऑर्डर करने के बाद खाना लेने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वह मुस्लिम है।
हिंदू शख्स ने चिकन-65 किया था ऑर्डर
वहीं डिलीवरी ब्वॉय ने मुस्लिम संगठन मजलिस बचाओ तहरीक के अध्यक्ष अमजद उल्ला खान के सामने भी इस मामले को उठाया, जिन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर मामले को शेयर करते हुए कहा कि एक शख्स ने चिकन-65 का ऑर्डर दिया था और हिंदू डिलीवरी ब्वॉय भेजने का अनुरोध किया था। लेकिन स्विगी ने डिलीवरी पार्सल मुस्लिम लड़के के हाथ भेज दिया। जिसके बाद उसने पार्सल लेने से इनकार कर दिया।
मामले पर स्विगी का बयान
वहीं इस मामले में स्विगी की तरफ से कहा गया कि हर तरह के विचार का आदर करते हैं। हर ऑर्डर जगह के आधार पर डिलीवरी एक्जिक्यूटिव को मिल जाता है। ऑर्डर किसी व्यक्ति की प्राथमिकता के आधार पर नहीं दिया जाता। हम लोग एक संगठन के तौर पर अपने डिलीवरी ब्वॉय और उपभोक्ताओं के बीच किसी आधार पर भेदभाव नहीं करते।
मध्य प्रदेश से भी सामने आया था मामला
गौरतलब है कि हाल ही के महीनों में मध्य प्रदेश से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां जोमैटो के एक उपभोक्ता ने खाने का ऑर्डर इसलिए नहीं लिया था क्योंकि उसे कोई गैर-हिंदू लेकर आया था। हालांकि कंपनी ने उसकी शिकायत का समाधान करने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि खाने का कोई धर्म नहीं होता।
अभी तक इन सभी मामलों में यही होता है कि समाज एक पक्ष होकर उनके हक में फैसला दे देते हैं । यहाँ हम, ‘हम भारत के लोग, भारत को एक धर्मनिरपेक्ष….’ बनाने का संक्लप दुहराने लगते हैं । लेकिन उनके मामलें में हम चुप हो जाते हैं । सेक्युलरिज्म का कीड़ा हमें उस वक्त तक नहीं काटता जब तक धर्म दूसरी तरफ से न हो ।