संसद भवन की कैंटीन में सांसदों के खाने पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म, स्पीकर के प्रस्ताव पर सभी सांसदों ने सहमति प्रदान की है । इस फैसले को अगले लोकसभा सत्र से लागू किया जा सकता है। सांसदों के खाने की सब्सिडी पर सालाना 17 करोड़ रुपये का बिल आता था। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सुझाव के बाद यह फैसला लिया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि लोकसभा की बिजनस अडवाइजरी कमिटी की मीटिंग में सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने इस पर सहमति जताई है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2016 में कैंटीन में मिलने वाले भोजन के दाम बढ़ाए गए थे। इसके बाद अब सब्सिडी खत्म करने का ही फैसला लिया गया है। साल 2016 से अब तक शाकाहारी थाली के दाम 30 रुपये हैं, जबकि 2016 से पहले 18 रुपये थे। मांसाहारी थाली अब 60 रुपये में मिलती है, जबकि पहले 33 रुपये में मिलती थी। थ्री कोर्स मील अब 90 रुपये मिलता है, जबकि पहले 61 रुपये में मिलता था।
सब्सिडी खत्म होने के बाद अब ये दाम भी बढ़ जाएंगे। संसद की कैंटीन में सब्सिडी पर सरकार के 17 करोड़ रुपये खर्च होते थे। इस फैसले को कब से लागू किया जाएगा, यह तो साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि अगले सत्र से यह नियम प्रभावी हो सकता है।