महाराष्ट्र में शिवसेना की नींव रखने वाले कद्दावर नेता बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही है। 17 नवंबर 2012 को उन्होने दुनिया को अलविदा कर दिया था। आज उनकी 7वीं बरसी मनाई जा रही है। प्यार से लोग उन्हें बाला साहेब कहते थे। मराठी परिवार में जन्मे बाल केशव ठाकरे (बाला साहेब ठाकरे) का जन्म 23 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र में और उनका निधन 7 नवंबर 2012 को हुआ। वो ऐसे नेता थे जो पहले एक कार्टूनिस्ट थे और बाद में वो एक कद्दावर राजनेता बने। उनकी छवि हमेशा कटर हिंदू राष्ट्रवादी नेता के रूप में रही। ठाकरे ने अपने करियर की शुरुआत कार्टूनिस्ट के रूप में एक अंग्रेजी भाषा के दैनिक द फ्री प्रेस जर्नल इन बॉम्बे से की थी जो मुंबई में है। लेकिन राजनीति की शुरुआत 1960 की। जब उन्होंने जर्नलिज्म को अलविदा कह दिया।
- बाला साहब ठाकरे की पहचान के कट्टर हिंदूवादी नेता के रूप में रही, उन्होंने कई बार कानून तोड़े, बाबरी ध्वंस से लेकर उत्तर भारतीयों पर हमले के बावजूद वो महाराष्ट्र में सबसे ऊपर रहे।
- बाला साहब ठाकरे और सचिन के बीच एक बयान को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें सचिन ने कहा था कि महाराष्ट्र पर पूरे भारत का हक है, जिसके जवाब में ठाकरे ने सचिन को सलाह देते हुए कहा था कि वो राजनीतिक बयानबाजी से दूर रहें, वो क्रिकेट ही खेलें, जबकि ठाकरे सचिन को काफी पसंद करते थे।
- बाला साहब ठाकरे ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इमरजेंसी का खुलकर समर्थन किया था। इस दौरान उन्होंने कई बार पक्ष में बयान दिए थे।
- बाला साहब ठाकरे के निधन को बाद ठाकरे परिवार दो हिस्सों में बंट गया था। ठाकरे के भतीजे राज ने पार्टी को छोड़कर एमएनए पार्टी की स्थापना की थी। एक उद्धव ठाकरे और दूसरे राज ठाकरे की अलग अलग राजनीतिक पार्टियां हैं।
- बाला साहब ठाकरे लोगों के काफी मददगार थे, चाहे वो मराठी हो या ना हो, फिल्म अभिनेता संजय दत्त को टाडा कानून के तहत फंसने के बाद बाला साहबे उनकी हर संभव मदद की थी।