महामारी में यूं तो हर शख्स अपने तरीके से जरूरतमंदों की सेवा कर रहा है। लेकिन जोधपुर में एक शख्स ऐसे भी हंै, जिन्होंने भूखे-प्यासे लोगों की मदद के लिए अपना मकान ही बेच दिया।
हम बात कर रहे हैं, बनाड़ निवासी प्रताप सिंह सोढ़ा की। पेशे से ठेकेदार हंै, लेकिन जब 22 मार्च को लॉकडाउन हुआ और लोगों को भूख-प्यास से बेहाल देखा तो बनाड़ गांव का अपना मकान 35 लाख में बेच दिया और उस राशि से जरूरतमंदों के लिए सुबह-शाम भोजन और चाय-नाश्ता की निशुल्क व्यवस्था शुरू कर दी। इनकी भोजनशाला में रोज 500 लोगों का खाना सुबह-शाम बनता है, जो पिछले 52 दिनों से निरंतर चल रही है। अब तक करीब 20 लाख से ज्यादा खर्च कर चुके हैं। यही नहीं टेंट लगाकर पत्नी कंचन कंवर के साथ भोजन भी परोस रहे हैं।
इसके अलावा जयपुर हाईवे पर पैदल जाने वाले राहगीरों को भी नियमित भोजन करवाने का कार्य कर रहे हैं। कंचन कंवर कहती हैं कि हमारे दो मकान थे। एक बेेच दिया तो क्या हुआ, रहने के लिए दूसरा मकान है। उसमें उनके तीनों बच्चों संग वे रह रहे हैं। प्रताप का कहना है कि लॉकडाउन से पहले मकान के सौदे की बात हो गई तो उन्होंने अपने परिचित को लॉकडाउन में बेचकर उस राशि से आमजन की सेवा करने की इच्छा जताई तो उन्होंने भी सहयोग किया और वे लॉकडाउन तक यह सेवा करते रहेंगे।