आमतौर पर देखने में आता है कि जो लोग शापिंग में जरा भी रूचि नहीं रखते, दीवाली आते ही उन्हें भी शापिंग मैनिया घेर लेता है। दरअसल देा में तकरीबन दो करोड़ लोग संगठित क्षेत्र में नौकरी करते हैं और इस समय 7 से 9 लाख तक लोग विभिन्न तरह की बहुराष्ट्रीय कंपनियों, निगमों आदि में काम करते हैं। इन सब लोगों को आमतौर पर वेतन वृद्घि का बकाया और बोनस दीपावली के मौके पर ही दिया जाता है । देश का अधिकृत वित्तीय वर्ष भले अप्रैल माह से शुरू होता हो, लेकिन पांरपरिक वित्तीय दीपावली से शुरू होता है। कुल मिलाकर देखें जॉब सेक्टर दीपावली के आसपास बाजार में खरीदारी के लिए उपभोक्ताओं के पास 9०,००० से 1,००,००० करोड़ रूपए तक की नकदी मुहैया कराता है। इतने बड़े पैमाने पर बाजार में आने वाली यह नकदी बाजार का कायाकल्प कर देती है। तभी तो कई दुकानदार पूरा साल दीपावली के इंतजार में बिताते हैं। दीपावली के आसपास बाजार का न सिर्फ मुनाफा 2० से 4० फीसदी तक बढè जाता है, बल्कि बाजार की फ्रीक्वेंसी और बिक्री का वैल्यूम 4०० से 6०० फिसदी तक बढ जाता है।
उत्पाद जगत को लुभाता इंटरनेट
इंटरनेट के जितने भी उपयोग दिखने में आए, उतने कम हैं। दरअसल इंटरनेट अब लगभग हर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है और हर किसी का जरूरी हिस्सा बन चुका है। यही कारण है कि त्यौहारी खरीदारी में भी इंटरनेट की हाल के सालों में जबरदस्त भूमिका उभरकर सामने आयी है। इंटरनेट आज त्यौहारी खरीदारों का ही नहीं बल्कि हर मौसम और महौल के खरीदारों का अच्छा–खासा सलाहकार बन चुका है। इंटरनेट ने जहां एक तरफ ग्राहकों के लिए एक जैसी विभिन्न उत्पादों की जांच–परख का मौका मुहैया कराया है, वही दूसरी तरफ वह उन्हें दुनिया के बाजारों तक भी ले गये हैं जिससे ग्राहकों का भी फायदा हुआ है और उत्पादन जगत का भी। यही कारण है कि इंटरनेट की दोनों ही क्षेत्रों से खूब निभा रही है ।