इन दिनों प्रवासी मजदूरों के सबसे बड़े हीरो हैं फिल्म अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood). एक ऐसा इंसान जिसने लॉकडाउन के दौरान लाखों मजदूरों को अपने खर्चे पर वापस गांव भेजा. सोनू की इंसानियत की मिसाल की चर्चा सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने में है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ताधारी शिवसेना को सोनू सूद का काम पसंद नहीं आ रहा है. पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में सूद पर निशाना साधते हुए उनका मजाक उड़ाया है. लिखा है कि जल्द ही वो प्रधानमंत्री पीएम मोदी से मिलकर मुंबई के सेलिब्रिटी मैनेजर बन जाएंगे.
सोनू को ‘महात्मा सूद’ कहा
संपादकीय में शिवसेना के नेता संजय राउत ने लिखा है कि कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन में एक नए ‘महात्मा’ आ गए हैं, जिसे लोग सोनू सूद कहते हैं. राउत ने लिखा, ‘कहा जा रहा है कि इस एक्टर ने लाखों प्रवासियों को उनके अपने राज्यों में भेजा. महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी ‘महात्मा सूद’ की तारीफ की है. ऐसा लग रहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासियों को भेजने के लिए कोई काम नहीं कर रही है.’ राउत ने ये भी सवाल उठाया है कि जब राज्य सरकारें प्रवासियों को आने नहीं दे रही है तो फिर वो आखिर कहां जा रहे हैं.
सूद और राज्यपाल की मुलाकात
बता दें कि 31 मई को सोनू सूद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के लिए राजभवन गए थे. मुलाकात के दौरान उन्होंने सूद के कामों की जमकर तारीफ की थी. साथ ही उन्हें पूरा समर्थन देने की बात भी कही थी. इसके बाद इस बात को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई कि सोनू सूद जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने गल्फ न्यूज़ से बातचीत के दौरान इन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि उन्हें ऑफर जरूर मिला है लेकिन राजनीति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.
सोनू सूद की हर तरफ तारीफ
बता दें कि सोशल मीडिया पर हर तरफ सोनू सूद की तारीफ हो रही है. हाल ही में उन्होंने इडली बेचने वालों 200 लोगों को मुंबई से तमिलनाडु भेजा था. इन सबने सूद के लिए पारंपरिक तरीके से आरती उतारी. इतना ही नहीं सोनू सूद और उनकी टीम ने तटीय इलाकों के नजदीक रहने वाले चक्रवात ‘निसर्ग’ से प्रभावित 28,000 लोगों को रहने की जगह और खोने-पीने का सामान भी मुहैया कराया है.