पटना । पटना नगर निगम चाहे शर्म से पानी-पानी न हो, लेकिन पटना पानी में डूब चुका है। सभी नालों ने दम तोड दिया है और सडक मार्ग से लेकर रेल मार्ग तक ठप पडा हुआ है। राजनीतिक नालायकपन, भ्रष्ट नौकरशाही और स्वार्थी समाज के कारण पटना आज तैर रहा है। राजधानी पटना में पिछले 48 घंटे से झमाझम बारिश होने से जनजीवन बेहाल है। जगह-जगह जलजमाव और सड़कों पर पेड़ गिरने से राहगीर परेशान हैं। मोहल्लों में नाली जाम होने से रिहायशी इलाके में आफत बरपा है। बिहार विधानसभा से लेकर पटना यूनिवर्सिटी तक, पीएमसीएच से लेकर एनएमसीएच तक पानी ही पानी है। मोइनउल हक स्टेडियम से लेकर एनआईटी तक, पटना सिटी से लेकर बस स्टैंड तक जल ही जल नजर आ रहा है। भारी बारिश के मद्देनजर पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में बीएड और पटना यूनिवर्सिटी में पीएचडी एंट्रेस एग्जाम कैंसिल कर दिया गया है। पटना जिला प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। पूर्व मध्य रेलवे ने ट्रेनों की रफ्तार एहतियातन घटा दी है। राजधानी के गांधी मैदान के इलाकों का भी बुरा हाल है। इसके चलते ट्रैफिक की रफ्तार थम-सी गई है।
इसके अलावा सूबे में दर्जनभर जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तर बिहार और सीमांचल के ज्यादातर जिलों में रेड अलर्ट है। नेपाल के तराई इलाकों में भारी बारिश के अलर्ट के बाद सरकारी स्कूलों में छुट्टी दे दी गई है। गया और बोधगया में पितृपक्ष मेले में आये पर्यटकों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। जिले में फल्गु नदी के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं गंगा, गंडक, बागमती, कनकई, महानंदा, कोसी सहित दर्जनभर प्रमुख नदियों के जलस्तर में धीरे- धीरे इजाफा हो रहा है। सीएम नीतीश कुमार ने बारिश के बाबत कई जिलों के डीएम से हालात की जानकारी ली है। सभी आला अधिकारियों को हालात पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को कई जिलों में तैनात किया गया है।