डॉ. सुधीर डेहरिया भोपाल जिले के CMHO हैं। सोमवार को वो पांच दिन बाद घर पहुंचे थे। घर के बाहर बैठ कर चाय पी, घर वालों का हालचाल लिया और बाहर से ही अस्पताल वापस लौट गए।
कल ही एक पोस्ट सेयर किया था कि कैसे हमारे डॉक्टर अस्पताल मे रह रहे हैं। और आज ये फोटो को जब जूम कर के देखेंगे तो आप डॉक्टर की पत्नी और बच्चों के दर्द उनके चैहरों पर साफ दिख जायेगा , वहीं बेबसी, वहीं लाचारी, वहीं अपने जिससे रात दिन हम आप अपने घरों में देखते हैं या कहें अपने नजरों से दूर भी नहीं होने देते हैं। आज वही उन से दूर हैं, और बहुत दूर … सायद उस दूरी को किसी मीटर से ऐसकेल से नापा नहीं जा सकता है।।
थोड़ी देर के लिए सोचये जब घरों में अगरबत्ती या किसी चीज से जल जाने के बाद हम पुरे दिन उसे सहलाते रहते हैं । ना जाने कौन कौन से मलहम लगाते रहते हैं …
और यहाँ… जो सब कुछ है वह जान हैं ……. जिसे कोई भी अपने शब्दों में लिख नहीं सकता … वहीं आज हम सभी को इलाज के लिए अपना सब कुछ छोड़ चूका हैं ।।
तो क्या हम सभी इन डॉक्टर, हेल्थ केयर मे लगे सभी कर्मचारियों के लिए , महामारी मे लगे सभी प्रशासनिक अधिकारी के लिए उनके परिवार के लिए । पुलिस सेवा में लगे सभी प्रकार के कर्मचारियों के लिए अपने अपने घरों में नहीं रह सकते। सोचये… थोड़ा सा रुक कर…