नवरात्रि यानि देवी शक्ति के पूजन के दिन, जब हर कोई मां आदिशक्ति की साधना में लीन रहता है। वहीं इन नौ दिनों में देवी मां के नौ रूपों का स्मरण उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो देश के पश्चिमी हिस्से यानि गुजरात में मौजूद है। दरअसल गुजरात और राजस्थान की सीमा पर बनासकांठा जिले की दांता तालुका में अम्बाजी का मंदिर बना हुआ है।
शक्ति के उपासकों के लिए महत्वपूर्ण है मां अंबाजी मंदिर
यह एक बेहद प्राचीन है। इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता के अनुसार यही वह जगह है जहां देवी मां सती का हृदय गिरा था। इसका उल्लेख “तंत्र चूड़ामणि” में भी मिलता है।
इसके अलावा यहां मां का एक श्रीयंत्र भी स्थापित है। इस श्रीयंत्र को कुछ इस प्रकार सजाया जाता है कि देखने वाले को लगे कि मां अम्बे यहां साक्षात विराजी हैं। अम्बाजी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार संपन्न हुआ था। वहीं भगवान राम भी शक्ति की उपासना के लिए यहां आ चुके हैं।