इस लाकडाउन में उन तमाम हीरो को सलाम जो अपने घर नहीं जा रहे हैं और अनवरत कोरोना की लड़ाई में अपना फर्ज निभा रहे हैं, आज हम ऐसी ही एक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप भी भावुक हो जाएंगें ।
घर में दो मासूम बच्चे हैं, लेकिन पिता अपने बच्चों से दूरी बनाकर अलग कमरे में रहता है। पत्नी कमरे के बाहर से ही पति को खाना पकड़ा देती है। पिता दरवाजे पर ही खड़े होकर बच्चों और पत्नी से बात करता है। पिता का बहुत मन होता है कि वह अपने दोनों बच्चों को गले लगा ले, लेकिन संक्रमण के डर से वह बच्चों को नहीं छूता है।
यह दिनचर्या है केरल के रहने वाले नर्सिंग अधिकारी शौकत अली वी की, जो एम्स ट्रामा सेंटर के कोविड-19 आईसीयू वार्ड में कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाजे में लगे हैं। शौकत ने बताया कि करीब दस दिन पहले उनकी ड्यूटी वार्ड में लगाई गई थी। तब से वह पूरे उत्साह के साथ मरीजों के उपचार में लगे हैं।
शौकत ने बताया कि कि एम्स प्रशासन ने उन्हें बहुत अच्छी तरह प्रशिक्षित किया है। शौकत ने बताया कि लगातार छह से सात घंटे तक पीपीई किट पहनना होता है। इस दौरान पानी भी नहीं पी सकते हैं।बच्चों की देखरेख के लिए दोस्त को बुलाया शौकत ने बताया कि घर में दो छोटे बच्चे हैं। बड़े बेटे की उम्र तीन साल और छोटे बेटे की उम्र पांच साल है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी भी दिल्ली में बच्चों के एक अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी है।
इसलिए बच्चों के देखरेख के लिए उन्होंने अपने एक दोस्त को बुलाया है। क्योंकि दोनों के ड्यूटी चले जाने पर बच्चों की देखरेख के लिए किसी का होना जरूरी है। इससे पहले बच्चों को क्रेच में छोड़ आते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वह बंद पड़े हैं।