14 जनवरी भलें ही कुछ लोगों के लिये प्रेम का दिवस हो लेकिन कुछ ऐसे भी जिनके लिये ये दिन किसी खौफनाक मंजर से कम नहीं है । ये वो दिन है जिसे कोई याद करना नहीं चाहता । ये वो दिन है जिसके आगे प्रेम के सारे हर्फ बेकार है । जीं हां हम बात कर रहे हैं पुलवामा हमले की । आज ही के दिन पुलवामा में हमारे जवानों को धोखे का शिकार होना पड़ा था ।
जम्मू-कश्मीर के पु’लवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए ह-मले ने देश को थ’र्रा दिया था। एक साल पहले के इस दिन का इतिहास जम्मू-कश्मीर की एक बड़ी दु’खद घटना के रूप में दर्ज है। पु’लवामा ह-मला एक ऐसी हृदय वि’दारक घटना थी जिसने पूरे देश को शो’क संतप्त किया और कश्मीर में पाक समर्थित आ-तंकवाद की दुनिया के सभी देशों ने कड़ी आलोचना की। पुलवामा ह-मला एक ऐसी घटना भी है जिसके बाद देश एक बड़े बदलाव की राह पर आगे बढ़ गया।
इस ह-मले के बाद पाकिस्तान के बा’लाकोट में भारतीय सेना ने आ-तंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। पाकिस्तान को स’बक सिखाने वाली इस कार्रवाई के बाद कश्मीर में पाकिस्तान की दखल पूरी तरह रोकने, अ-लगाववाद पर काबू पाने और आतंक की जड़ों पर प्र’हार करने के लिए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त कर दिए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में बांट दिया।
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वैसे तो 14 फरवरी को ‘वैलेंटाइन डे’ यानी कि प्रेम दिवस मनाया जाता है, लेकिन पिछले साल आ-तंकियों ने अपने नापाक इरादे पूरे करने के लिए यही दिन चुना। जब देश के शहरों में वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा था तब पु’लवामा में पाकिस्तान समर्थित आ-तंकवादियों ने देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना ह-मला किया। कश्मीर के पुलवामा जिले में जै’श-ए-मो’हम्मद के एक आ-तंकवादी ने वि-स्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को ट-क्कर मार दी। इसमें 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घा-यल हो गए।
यह आत्मघाती ह-मला सुरक्षाबलों पर अब तक यह सबसे बड़ा आ-तंकी ह-मला था। आ-तंकवादियों को सबक सिखाने की बात करने वाली मोदी सरकार के लिए चुनाव से पहले यह घटना बहुत बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई। विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी विपक्ष के निशाने पर थे और मोदी सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी थी। हालांकि इस घटना के तुरंत बाद केंद्र सरकार की ओर से संकेत दे दिए गए थे कि भारत की ओर से सख्त कार्रवाई की जा सकती है।