आई टी सेल स्त्री से इतनी नफ़रत करता है कि मेरे चेहरे में भी उसे कोई स्त्री नज़र आती है। उसकी कल्पना में स्त्री होना पाप है। मुझे लेकर एक पूरी इंडस्ट्री चल रही है। अगर आई टी सेल को पुरुष की हिंसा, दंभ और क्रूरता में राष्ट्रवादी होना नज़र आता है तो यह औरतों को भी देखना है कि राष्ट्रवाद के इस अंधड़ में उनके लिए कितनी जगह है। औरतें समझ रही हैं कि ट्रोल बिरादरी दरअसल औरत के वजूद के ही ख़िलाफ़ है।
यह तस्वीर देखने वालों के दिमाग़ में मेरे बहाने एक औरत के प्रति घिन को भी उभारती है। मुझे इस तस्वीर से कोई समस्या नहीं है। यह तो सम्मान की बात है। चरित्र प्रमाण पत्र है कि मैं हिंसक नहीं हूँ। मैं स्त्री हूँ। मुझमें नफ़रत की संभावना नहीं है। आई टी सेल के पुरुष दिमाग़ की तरह न होना गौरव की बात है। आई टी सेल वाले लड़के इस तस्वीर में अपनी माँ, बहन, भाभी, पत्नी और महबूबा देख सकते हैं। ये उनकी ही माँओं का चेहरा है। बहनों का चेहरा है। जब वे अपनी माँओं को इस तरह के श्रृंगार में देखते होंगे तो ऐसा ही सोचते होंगे। उन्होंने मेरी नहीं अपनी सोच की तस्वीर बनाई है।
आई टी सेल को पता है लड़कियाँ उनका खेल समझ गई हैं। मेरा मानना है कि सभी पुरुष में थोड़ी स्त्री होनी चाहिए। पूरी हो तो और भी अच्छा। हिंसा के ख़िलाफ़ होना भी स्त्री होना है। सभी महिलाओं को आज का शानदार दिन मुबारक। आप मुझे महिला दिवस पर मुबारक दे सकते हैं। मैं सुंदर लग रही हूँ।