दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रजत शर्मा (Rajat Sharma) ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ दिया है। उन्होंने इस पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह किसी भी कीमत पर ईमानदारी से किसी भी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है ईमानदारी और पारदर्शिता वाले उनके सिद्धांतो के साथ डीडीसीए (DDCA) में चलना संभव नहीं है और वह इन सबसे किसी भी कीमत पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
पिछले साल जुलाई महीने में रजत शर्मा पूर्व क्रिकेटर मदन लाल को 517 वोटों से हराकर इस पद पर काबिज हुए थे और उन्होंंने इस पद पर रहते हुए दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली रखने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बाद में मंजूरी मिली। दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ ने ट्वीट किया कि रजत शर्मा के इस्तीफे को एपेक्स काउंसिल को भेज दिया गया है।
उतार- चढ़ाव से भरा रहा कार्यकाल
रजत शर्मा (Rajat Sharma) का 20 महीने का कार्यकाल उतार चढ़ावों भरा रहा। महासचिव विनोद तिहाड़ा के साथ उनके मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने भी आए। उन्होंने अपने बयान में कहा कि क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबावों से भरा होता है। उन्होंने कहा कि यहां निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ सक्रिय रहे हैं।
रजत शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली (Arun Jaitley) का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पूर्व वित्त मंत्री के निधन के बाद से ही उनका पलड़ा हल्का हो गया था। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें कोशिशों में कई तरह की बाधा, विरोध और उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ा, जिनका लक्ष्य उन्हें निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से अपनी जिम्मेदारी निभाने से रोकना था।