कोराना मरीजो की संख्या ज्यादा बढ़ी तो ट्रेनें बन जाएंगी चलता-फिरता अस्पताल। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को ट्रेनों के कोच को आइसोलेशन व क्वारेंटाइन वार्ड में कन्वर्ट करने का आदेश दिया है। पूर्व मध्य रेल में फिलहाल 208 कोचों को आइसोलेशन व क्वारेंटाइन के लिए कन्वर्ट किया जाएगा। हर कोच में आठ बेड यानी फिलहाल 1664 बेड तैयार होंगे । लेकिन, पूर्व मध्य रेलवे के सभी 4000 कोचों को कन्वर्ट करने पर 32 हजार आइसोलेशन बेड की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
अभी भारतीय रेल में 5000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में कन्वर्ट करने पर काम शुरू हाे गया है। जबकि, भारतीय रेल में करीब 20 हजार कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने की याेजना है। इस प्रकार भारतीय रेल में कुल 1.60 लाख आइसोलेशन बेड की व्यवस्था हो सकेगी। पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे हर स्थिति के लिए तैयार है। ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना के संदिग्ध या मरीजों के क्वारेंटाइन करने में असुविधा नहीं हो।
15 साल पुराने नाॅन एसी कोच बनेंगे अस्पताल
ट्रेनों के 15 साल पुराने नॉन एसी कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जाएगा। इसमें जरूरी दवाओं और भोजन के साथ ही वेंटिलेटर व अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की भी व्यवस्था की जाएगी।
इस तरह किया जा रहा बदलाव
कोरोना मरीजों के लिए कैबिन तैयार करने के लिए मिडिल बर्थ को एक तरफ से हटाया जाएगा और बर्थ के सामने की तीनों बर्थों को भी हटाया जाएगा। साथ ही बर्थ पर चढ़ने के लिए लगाई गईं सभी सीढ़ियां भी हटेंगी। आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए बाथरूम में भी मरीज की जरूरत के हिसाब से बदलाव किया गया है। अभी उत्तर रेलवे में एक कोच को प्रोटोटाइप आइसोलेशन वार्ड में बदला गया है।