विजय माल्या जैसे लोग भले ही भारत को चुना लगाकर विदेश भाग जाए । नीरव मोदी भले ही बैंको का पैसा डकार कर भाग जाए । लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी भी है जो हमसे पैसा तो लेती है । लेकिन हमें पता ही नहीं चलता । जी हाँ हम बात कर रहे हैं । भारतीय रेल की । खबर है कि भारतीय रेल ने यात्रियों से वेटिंग टिकट और कैसिलेशन के नाम पर नौ हजार करोड़ रूपये वसूल चुकी है ।
हम बताते हैं, कैसे? एक तो कैंसिलेशन फीस। यानी वो पैसे जो टिकट कैंसिल करने पर IRCTC आपसे वसूलता है। और दूसरा, वेटिंग की वो टिकटें जो काउंटर से खरीदी गईं और कन्फर्म नहीं हुईं और जिनके रिफंड के लिए किसी ने दावा नहीं किया।
ये जानकारी सामने आई है एक RTI के जवाब में। RTI कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) में एक RTI लगाई थी। टिकट कैंसिलेशन से रेलवे की कमाई को लेकर सवाल पूछा था। जवाब मिला कि जनवरी, 2017 से जनवरी, 2020 तक कन्फर्म ट्रेन टिकट कैंसिल कराने पर 4,684 करोड़ रुपये की आमदनी रेलवे को हुई।
वहीं, इसी दौरान करीब नौ करोड़ लोगों ने वेटिंग टिकट कैंसिल नहीं कराए। जिससे रेलवे को 4,335 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इस तरह रेलवे की कुल कमाई 9000 करोड़ के करीब पहुंचती है।
#RTI से और क्या-क्या पता चला?
– ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर काफी प्रभाव पड़ा है। तीन साल में 145 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन टिकट लिया जबकि 74 करोड़ लोगों ने रिजर्वेशन कांउटर से टिकट लिया।
– सबसे ज्यादा कमाई स्लीपर और थर्ड एसी के टिकट्स कैंसिलेशन से हुई।
क्या है रेलवे की कैंसिलेशन फीस
कन्फर्म टिकट कैंसिल कराने पर रेलवे 60 रुपये से 240 रुपये तक कैंसिलेशन चार्ज के रूप में वसूलता है। वहीं ट्रेन चलने से 12 से 48 घंटे पहले तक किराये का 25 फीसदी, चार से 12 घंटे पहले 50 फीसदी तक किराये का 50 फीसदी वसूलता है। चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसिल कराने पर कोई रिफंड नहीं दिया जाता है। नीचे आप अलग-अलग क्लास के चार्जेस देख सकते हैं।
एसी फर्स्ट और एग्जिक्युटिव क्लास: 240 रुपए
एसी सेकंड क्लास: 200 रुपए
थर्ड एसी, इकोनॉमी और चेयरकार: 180 रुपए
स्लीपर: 120 रुपए
सेकंड क्लास सीटिंग: 60 रुपए
रेलवे ने नवंबर, 2015 में कैंसिलेशन चार्जेस दोगुने बढ़ा दिये थे। पहले कैंसिलेशन फीस के रूप में 30 से 120 रुपये तक रेलवे वसूलता था। वहीं ट्रेन चलने से दो घंटे पहले तक भी रिफंड के साथ टिकट कैंसिल कराई जा सकती थी।
तत्काल टिकट्स के कैंसिलेशन पर कोई रिफंड नहीं होने का नियम पहले से ही है।
12 नवंबर 2015 से नए नियम लागू हैं
12 नवंबर 2015 से टिकट कैंसिलेशन पर दूगने बढ़े नए नियम लागू हैं
ऑनलाइन और ऑफलाइन के अलग नियम
अगर ऑनलाइन रिजर्वेशन कराया गया है और चार्ट बनने के बाद भी टिकट कन्फर्म नहीं होती है। तो वह खुद ब खुद कैंसिल हो जाएगी और यात्री को पैसे रिफंड हो जाएंगे। लेकिन अगर काउंटर से टिकट ली है तो इसे ऑनलाइन या फिर काउंंटर जाकर दोनों तरीकों से कैंसिल कराया जा सकता है। अगर आपने काउंटर से टिकट ली है और वह कंफर्म नहीं हुई तो भी आप यात्रा कर सकते हैं।
इस आरटीआई कार्यकर्ता ने बकायदा रेलवे से निवेदन किया है कि यात्रियों से भेदभावपूर्ण बर्ताव बंद हो । टिकट कैंसिलेशन का जो प्रावधान है उसे तत्काल सही किया जाए ।