कहते हैं जहाँ चाह है वहां राह है । लेकिन ये भी एक कहावत है कि जहाँ बिहारी है वहां जुगाड़ है । बिहारी चांद पर भी तो जुगाड़ निकाल ही लेते हैं । ऐसा ही एक जुगाड़ कल से सोशल मीडिया में फैल रहा है । असल में प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम करने के लिये रेलवे ने अपने कई स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट 50 रूपया कर दिया है । लेकिन बिहारियों ने इसका भी जुगाड़ कर लिया है और वो प्लेटफॉरर्म टिकट का दस रूपये ज्यादा नहीं दे रहे हैं और रेलवे कुछ कर भी नही पा रहा ।
क्या है जुगाड़
मान लीजिये आप अपने किसी मित्र को छोड़ने के लिये रेलवे स्टेशन जा रहे हैं । मित्र को दिल्ली जाना है और उसके पास पहले से ई-टिकट है । लेकिन चुकि आप साथ हैं तो आपको नियम से प्लेटफॉर्म टिकट लेना है जिसकी कीमत वर्तमान में 50 रूपये होगी, वो भी 2 घंटे के लिये वैध है । लेकिन बिहारी क्या करते हैं वो प्लेटफॉर्म टिकट लेने की बजाय उस स्टेशन से नजदीक किसी भी स्टेशन का टिकट कटा लेते हैं । जिसके लिये उसे 5 से 10 रूपये खर्चने पड़ते हैं । और समय की पाबंदी भी नहीं होती । यानी कम पैसे में ज्यादा देर तक आप प्लेटफॉर्म पर घुम सकते हैं और आपको कोई कुछ नहीं कहेग ।
क्या कहती है रेलवे
इंडियन रेलवे इस जुगाड़ के आगे नतमस्तक है । नियम के अनुसार वो ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो निकटतक रेलवे स्टेशन का टिकट लेकर प्लेटफॉर्म पर घुम रहा है उसका कुछ नहीं कर सकता । उलटे वो इस जुगाड़ पर भौचक हो रहे हैं ।
सच ही कहा है जहाँ बिहारी है वहाँ जुगाड़ है । माननीय उपमुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी भी ने कुछ दिन पहले कहा था कि बिहारी चांद पर भी जाए तो वहाँ नौकरी ढूंढ लें । जिसको लेकर उनकी बड़ी फजीहत हुई थी । लेकिन उन्होने ये नहीं बताया था कि बिहारी अपने जुगाड़ से कही भी कुछ भी कर सकते हैं ।