ट्रेन लेट का उचित कारण नहीं तो यात्री को मुआवजा मिलेसुप्रीम कोर्ट बोला-सार्वजनिक परिवहन में सुधार हो : ट्रेनें लेट हाेने से यात्रियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा, “अगर कोई ट्रेन लेट होने से यात्री को परेशानी हुई तो, यात्री मुआवजा पाने का हकदार है। अगर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को जीवित रखना है और निजी परिवहन से प्रतिस्पर्धा करनी है तो कामकाज सुधारना होगा।
लोग सरकारी अफसरों की दया पर आश्रित नहीं रह सकते।’ जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने यह फैसला उत्तर पश्चिम रेलवे की याचिका खारिज करते हुए दिया है। जस्टिस शाह ने कहा, “अगर रेलवे स्पष्टीकरण देकर यह सुबूत पेश नहीं कर पाता कि ट्रेन लेट होना उसके नियंत्रण से बाहर था तो यात्री मुआवजे का हकदार है।’ कोर्ट ने रेल यात्री संजय शुक्ला के मामले में राज्य उपभोक्ता फोरम के फैसले को बरकरार रखा।
5 साल पुराना है मामला : राजस्थान के अलवर निवासी संजय शुक्ला ने अलवर जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दायर की थी कि 11 जून, 2016 को वह अजमेर-जम्मू एक्सप्रेस से जम्मूतवी गए था। ट्रेन 4 घंटे देरी से पहुंचने के कारण वह श्रीनगर की फ्लाइट नहीं पकड़ सके। इसी में उपभोक्ता फोरम ने रेलवे पर जुर्माना लगाया था।