देश में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। तीन पन्नों के इस पत्र में राहुल ने लॉकडाउन के समर्थन के साथ-साथ मजदूरों के पलायन को लेकर चिंता जाहिर की है। राहुल गांधी ने अपने इस पत्र में लिखा है कि कि भारत की परिस्थिति अलग है। हमें दूसरे देशों की लॉकडाउन रणनीति से इतर कदम उठाने होंगे। उन्होंने आगे लिखा है कि हमारे देश में दिहाड़ी पर काम करने वाले गरीब लोगों की संख्या ज्यादा है, इसलिए हम आर्थिक गतिविधियों को बंद नहीं कर सकते। पूरी तरह से आर्थिक बंदी के कारण कोविड-19 वायरस से होने वाली मृत्यु दर बढ़ जाएगी। राहुल गांधी ने पीएम को सुझाव देते हुए ये भी कहा कि इस कोरोना जैसी चुनौती से लड़ने और उस पर काबू पाने में हम सरकार के साथ खड़े हैं।
Shri @RahulGandhi writes to the PM regarding the COVID-19 pandemic & the issues it entails while extending support to fight this crisis. pic.twitter.com/UybyTbrJ8i
— Congress (@INCIndia) March 29, 2020
राहुल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे ‘राष्ट्रव्यापी देशबंदी का हमारे लोगों, हमारे समाज और हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़े संभावित प्रभाव’ पर दोबारा विचार करें। उन्होंने कहा कि ‘अचानक हुई देशबंदी से दहशत और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई’ जिसके कारण बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने पत्र में लिखा है कि हमारे यहां रोज की कमाई पर निर्भर रहने वाले गरीब लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। इसलिए एकतरफा कार्रवाई करके सभी आर्थिक गतिविधियों को बंद नहीं कर सकते हैं। आर्थिक गतिविधियों को बंद कर देने से कोविड-19 की तबाही और बढ़ जाएगी।
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा कि वे (प्रधानमंत्री) सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत करें और गरीब मजदूरों की मदद और उन्हें आश्रय देने के लिए सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग करें। उन्होंने सरकार द्वारा घोषित किए गए वित्तीय पैकेज को एक अच्छा पहला कदम बताते हुए उसके जल्द से क्रियान्वयन का आह्वान किया। उन्होंने वायरस के प्रभाव और आर्थिक बंदी से प्रमुख वित्तीय और रणनीतिक संस्थानों के आसपास रक्षात्मक दीवार स्थापित करने का सुझाव दिया।