मध्य प्रदेश में बहुमत साबित करने से लगातार बच रहे मुख्यमंत्री कमलनाथ को राज्यपाल लालजी टंडन ने तगड़ा झटका दिया है। राज्यपाल ने कहा है कि वो मंगलवार (मार्च 17, 2020) को सदन में बहुमत साबित करें। अगर ऐसा नहीं होता है तो माना जाएगा कि राज्य में कॉन्ग्रेस की सरकार के पास बहुमत नहीं है और वो अल्पमत में है। कमलनाथ को पहले 16 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा गया था लेकिन सत्र शुरू होने के बाद इसे 26 मार्च तक स्पीकर ने स्थगित कर दिया। इससे ये समझा जा रहा था कि कॉन्ग्रेस के पास अब अतिरिक्त 10 दिन हैं। लालजी टंडन ने पहले ही नियमानुसार कार्यवाही करने की बात कही थी।
कमलनाथ ने भी राज्यपाल टंडन को पत्र लिखा था, जिस पर राज्यपाल ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र की भाषा अशोभनीय है और संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ ने सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र अपने पत्र में किया है, वो वर्तमान परिस्थितियों में लागू नहीं होता। उन्होंने कहा कि इसका निर्णय अंतिम रूप से फ्लोर टेस्ट के बाद ही हो सकता है, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय ने अपने अनेक निर्णयों में कहा है।
इधर विधानसभा सत्र स्थगित होने के बाद भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई है। पार्टी की माँग है कि जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराया जाए। जबकि कमलनाथ सरकार 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में लग रही है। 6 अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार नहीं किया गया है। कॉन्ग्रेस के कुल 22 विधायक भाजपा के खेमे में जा मिले हैं।