कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को 2015 के राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 24 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजदीप सिंह जाला (अपराध शाखा) ने पटेल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
पटेल को निचली अदालत में पेश नहीं होने के कारण शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका से गिरफ्तार कर लिया गया था।
राजदीप सिंह जाला ने कहा, ‘हमने हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्हें वीरमगाम के पास से गिरफ्तार किया है। उन्हें अदालत में पेश करने के बाद 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।’
अहमदाबाद की एक अदालत ने हार्दिक पटेल के खिलाफ पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुई हिंसा के मामले में दायर राजद्रोह के एक केस में शनिवार को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘युवाओं के रोजगार और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले युवा हार्दिक पटेल जी को भाजपा बार-बार परेशान कर रही है। हार्दिक ने अपने समाज के लोगों की आवाज उठाई, उनके लिए नौकरियां मांगी, छात्रवृत्ति मांगी। किसान आंदोलन किया। भाजपा इसको देशद्रोह बोल रही है।’
युवाओं के रोजगार और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले युवा हार्दिक पटेल जी को भाजपा बार-बार परेशान कर रही है। हार्दिक ने अपने समाज के लोगों की आवाज उठाई, उनके लिए नौकरियां मांगी, छात्रवृत्ति मांगी। किसान आंदोलन किया।
भाजपा इसको "देशद्रोह" बोल रही है।https://t.co/DcmiAvMrAh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 19, 2020
मालूम हो कि 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली हुई थी। रैली के बाद राज्य के कई शहरों में तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी।
क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में हार्दिक पटेल व अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में हार्दिक और उनके कुछ सहयोगियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य में हिंसा फैलाने और चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा था।