पिछले दिनों एक ख़बर आई। असम की एक महिला जाबेदा बेगम ने अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पैन, आधार, वोटर कार्ड जैसे 15 डॉक्यूमेंट पेश किए, लेकिन गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाईं। इससे पहले फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में उन्हें विदेशी घोषित किया गया था। अब उन्हें साबित करना है कि वो भारत की नागरिक हैं। तमाम काग़ज़ भी उनकी मदद नहीं कर पा रहे हैं।
सीएए के विरोध और समर्थन में दिल्ली में इतनी हिंसा हो गई कि 40 लोग मारे गए । अब यब बवाल पुरे देश में बढ़ता ही जा रहा है । दिल्ली के शाहीन बाग में 144 लग गया है ।
इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नागरिकता को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से एक सवाल पूछा गया। शुभांकर सरकार ने RTI लगाई। पीएम मोदी की नागरिकता का सर्टिफिकेट मांगा। इस पर PMO ने जवाब दिया कि पीएम मोदी जन्म से भारत के नागरिक हैं।
17 जनवरी, 2020 को दायर RTI याचिका में सवाल था,
कृपया हमारे सम्मानित प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की नागरिकता का सर्टिफिकेट दिखाइए।
इस पर PMO के अंडर सेक्रेटरी प्रवीन कुमार की तरफ से जवाब दिया गया,
प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी नागरिकता कानून, 1955 के सेक्शन 3 के तहत जन्म से भारत के नागरिक हैं। ऐसे में सर्टिफिकेट का सवाल नहीं उठता, जो कि रजिस्ट्रेशन से नागरिकता के लिए होता है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद से देश के कई हिस्सों में तूफान आया हुआ है। इसके साथ NRC-NPR का नाम भी लिया जाता है। नागरिकता कैसे साबित हो, इसके लिए कौन से काग़ज़ होने चाहिए, ऐसी बातें चल रही हैं। कुल मिलाकर कन्फ्यूज़न वाला माहौल है।