नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को किसानों के भारत बंद के आह्वान का मिलाजुला असर रहा। बिहार में शहर-बाजार खुले रहे पर कई हाईवे पर बंद समर्थकों का कब्जा रहा। इसके चलते पटना समेत कई शहरों में वाहन 8 घंटे लेट से पहुंचे। देश के सभी जगह किसानों व बंद समर्थकाें का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, पर सियासी दल गुत्थम-गुत्था होते दिखे। बुधवार को छठे दौर की वार्ता के लिए सरकारी प्रस्ताव का इंतजार कर रहे किसानों को शाम 4 बजे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा का न्योता मिला।
केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को बैठक है, इसलिए शाह का मिलना अहम माना जा रहा है। बैठक में तैयार प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा होगी। सरकार किसानों को लिखित में संशोधन प्रस्ताव देगी। किसान कानून रद्द करने पर अड़े हैं। शाह के साथ बैठक के लिए 5 नेताओं को बुलाया गया थी, बाद में 13 मिले। कुछ किसानों ने यह कहते हुए विरोध किया कि एक दिन पहले बैठक क्यों और 40 की जगह 13 सदस्य ही क्यों? बैठक पहले शाह के घर पर थी, अंतिम समय में जगह बदलकर आईसीएआर गेस्ट हाउस में हुई। मीटिंग में शाह ने कई विशेषज्ञ बुलाए थे, जो किसानों को समझा रहे थे कि किस बदलाव का आगे क्या असर होगा।