पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना की लड़ाई में लगे स्वास्थ्यकर्मियों से दुर्व्यवहार पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन योद्धाओं से हिंसा की घटनाएं हुई हैं। उनके खिलाफ दुर्व्यवहार, हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मोदी सोमवार को कर्नाटक की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे। कहा कि वायरस दिखाई नहीं देता, लेकिन हमारे पुलिसकर्मी, मेडिकल टीम यानी कोरोना वॉरियर्स दिखाई देते हैं। वे अडिग हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (जून 1, 2020) को बेंगलुरु स्थिति राजीव गाँधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस संक्रमण को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अब तक की सबसे बड़ी आपदा करार दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया ठीक उसी तरह बदल जाएगी, जैसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। उनके अनुसार अब वैश्वीकरण को लेकर आर्थिक मसलों पर नहीं बल्कि मानवीय मुद्दों पर चर्चा होगी।
उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में हुए फ़ैसलों को गिनाते हुए कहा कि सरकार ने हर पिलर पर काम किया है। उन्होंने जानकारी दी कि आयुष्मान भारत के कारण देश के 1 करोड़ लोगों का मुफ्त इलाज हुआ है। उन्होंने देश में वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएँ शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज हो। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों की तुलना सैनिकों से करते हुए कहा कि वो भी देश के लिए लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ज़रूर हमारे लिए अदृश्य है लेकिन कोरोना वॉरियर्स की मेहनत सभी को दिख रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर की नज़र आज भारत के डॉक्टरों पर आकर टिक गई है। उन्होंने इन्द्रधनुष और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के बारे में कहा कि इन सबने देश के स्वास्थ्य सिस्टम में नई जान फूँकी है। उन्होंने कहा कि देश में ही अब पीपीई किट्स बन रहे हैं और एन-95 मास्क बन रहे हैं, सब ‘मेड इन इंडिया’ है।
देश में पिछले कई दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की भी ख़बरें आईं। ऐसी घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के बीमा की व्यवस्था की गई है और उनके साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। पीएम ने कहा कि देश में 22 और AIIMS खोले गए हैं। पिछले 5 वर्षों में देश में एमबीबीएस की 30 हजार सीटें बढ़ गई हैं और पोस्ट ग्रैजुएशन की सीटों में भी 15 हजार की बढ़ोतरी हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी नहीं आई होती तो वो यूनिवर्सिटी में लोगों के साथ बंगलूरू में इस विशेष दिन शामिल होते। उन्होंने कहा- “इस समय, दुनिया डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों और वैज्ञानिक बिरादरी की तरफ आशा और कृतज्ञता के साथ देख रही है। दुनिया को आपके देखभाल और इलाज दोनों की जरूरत है।” बता दें कि कल ‘मन की बात‘ में भी पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स की तारीफ की थी।