राजधानी दिल्ली में निर्भया के साथ हुए दुष्कर्म (Nirbhaya gang rape case) ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था। सात साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, हालांकि वो अभी भी अपने तमाम अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए फांसी से बचने के प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच अब निर्भया के दोषियों के परिजनों ने भी इच्छा मृत्यु की अपील की है।
निर्भया के दोषियों के परिजनों ने इस बाबत राष्ट्रपति के समक्ष इच्छा मृत्यु का आवेदन दाखिल किया है, जिन परिजनों ने इच्छा मृत्यु की याचिका दाखिल की है उनके दोषियों माता-पिता, पत्नी, बहनें और बच्चे भी शामिल हैं।
दोषियों (convicts) के परिजनों का कहना है कि वह सवा सात साल से तिल-तिल कर जी रहे हैं। उनकी बेटियों से कोई शादी करने को राजी नहीं है और न शायद उनके बच्चों में इतनी हिम्मत होगी कि बड़े होकर वह समाज (society) का सामना कर सकें।
निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya gang rape) के चारों दोषियों के परिजनों ने यह आवेदन राष्ट्रपति को लिखा है। आवेदन में दोषियों के परिजनों का कहना है, “राष्ट्रपति जी आपने हमारे बेटों की दया याचिका तो खारिज कर दी है, अब हमारी भी मरने की याचिका को मंजूर कर दीजिए और निर्भया की मां, पिता और भाईयों से हमारे मरने की सिफारिश करवा दीजिए।