कोरोना संकट के दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की प्रशंसा देश और दुनिया ही नहीं, बल्कि भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान का मीडिया भी कर रहा है। पाक के चर्चित अखबार द डॉन के संपादक फ़हद हुसैन कोरोना के दौरान योगी द्वारा उठाये गये कदमों की तारीफ करते हुए उनके मुरीद हो गये हैं।
उन्होंने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ और पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के कार्यों की तुलना की है और योगी नेतृत्व को इमरान से बेहतर बताया है। अपने ट्वीट में फ़हद ने लिखा है – उत्तर प्रदेश की जनसंख्या पाकिस्तान के करीब है। पाकिस्तान की आबादी जहां 20.80 करोड़ है, वहीं उत्तर प्रदेश की 22.50 करोड़ लेकिन पाकिस्तान के मुकाबले उत्तर प्रदेश में मौतों की दर काफी कम है।
फ़हद ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्राफ शेयर करते हुए लिखा है- यह ग्राफ ध्यान से देखिए, इसमें कोरोना से पाकिस्तान और भारत के राज्य यूपी की तुलना है। दोनों की जनसंख्या, साक्षरता और प्रोफाइल एक ही हैं। उत्तर प्रदेश के मुकाबले पाकिस्तान कम घनत्व लेकिन ज्यादा जीडीपी वाला देश है। यूपी ने कड़ाई से लॉकडाउन का पालन कराया, लेकिन पाकिस्तान में यह नहीं हो सका, जिसका नतीजा है कि यहां संक्रमण और मौतों की दर ज्यादा है, जबकि उत्तर प्रदेश में कम है।
उत्तर प्रदेश में अभी तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 10261 है, जबकि पाकिस्तान में 98943 लोग इस वैश्विक महामारी से संक्रमित हैं। इस वायरस के संक्रमण से पाकिस्तान में जान जानेवालों की संख्या 2002 है, जबकि उत्तर प्रदेश में अभी तक 275 लोगों की जान गई है।फहद ने ग्राफ के जरिए क्षेत्रफल, जनसंख्या, जनसंख्या में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की भागीदारी, साक्षरता और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद आदि कई मानकों पर पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश की तुलना की है। बताया है कि पाकिस्तान में एक वर्ग किलोमीटर में आबादी का घनत्व जहां 275 है, वहीं उत्तर प्रदेश में 932, पाकिस्तान में 45 वर्ष से ऊपर आयुवर्ग के लोगों की आबादी 38 मिलियन (3.80 करोड़) है।
उत्तर प्रदेश में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों की आबादी 40 मिलियन (4 करोड़) है। पाकिस्तान में साक्षरता 59 प्रतिशत है तो उत्तर प्रदेश में 68 प्रतिशत। फहद ने ग्राफ के माध्यम से बताया कि पाकिस्तान में 23 मार्च से कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए और बढ़ते ही चले गए, जबकि उत्तर प्रदेश में अप्रैल के पहले हफ्ते से केस बढ़ने शुरू हुए लेकिन पूरी तरह नियंत्रण में रहे।