राम नवमी के दिन भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा। सुत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शिलान्यास करने अयोध्या जा सकते है। हालाँकि इस बात की पुष्टि अब तक नहीं की गयी है।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर के निर्माण को लेकर संत समाज ने दो तारीखें सुझाई हैं। अखिल भारतीय संत समिति ने सर्वसम्मति से कहा कि मंदिर की नींव हिंदू नववर्ष (नव संवत्सर) या भगवान राम के जन्मदिन (रामनवमी) को ही रखी जाए। पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है, जो 2020 में 25 मार्च से शुरू होगा। रामनवमी 2 अप्रैल को है। इन दोनों तारीखों को लेकर संघ भी सहमत है। संघ के सूत्रों ने कहा कि संत समाज की सहमति से ही आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
पहले मंदिर निर्माण का जिम्मा विहिप के पास था। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने को कहा है। इसलिए संत समाज और संघ की भूमिका अहम हो गई है। हालांकि, विहिप नेताओं का भी कहना है कि राम मंदिर की नींव रखने के लिए संतों द्वारा सुझाई गई दो तारीखों से बेहतर कोई और तारीख नहीं हो सकती। अब सरकार पर भी दबाव रहेगा कि वह जल्द ही ट्रस्ट बनाए और इसमें संतों के प्रमुख वर्गों को शामिल करे।