देश में कोरोना से होने वाले ख’तरे को देखते हुए पिछले साल मार्च महीने से ही स्कूलों को बंद रखा गया है। बच्चे घर पर रहकर ही ऑनलाइन क्लास के जरिये अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। लेकिन यह ठीक नहीं है । WHO ने इसपर चिंता जताई है। WHO का कहना है कि अगर जल्द से जल्द नहीं खोले गए तो बच्चों की मानसिक और शारीरिक हेल्थ पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने बच्चों की हेल्थ को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बच्चों पर मानसिक, शारीरिक और ज्ञान हासिल करने की क्षमता पर लंबे समय के लिए पड़ने वाले प्रभावों से बचाव के लिए गाइडलाइन शेयर की है।
सौम्या स्वामीनाथन ने ट्विटर पर लिखा है- स्कूलों के बंद होने के चलते बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सीखने की क्षमता पर लंबे समय तक प्रभाव रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि, इस वक्त सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और व्यस्कों के वैक्सीनेशन के साथ स्कूलों को खोलना प्राथमिकता होनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार भी स्कूलों को दोबारा खोले जाने पर विचार कर रही है। देश के शिक्षकों के वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर काफी बातचीत होते दिख रही है। निती आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल ने कहा कि देशभर के निजी अस्पतालों में उनका मुफ्त टीकाकरण हो। साथ ही बीते महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कहा था कि बच्चों के लिए टीकाकण अभियान को जल्द शुरू किया जाएगा।