फूड रेगुलेटरी एजेंसी ने प्रस्तावित नए नियमों और दिशा-निर्देशों के तहत उच्च स्तर पर फैट, चीनी या नमक से बने भोजन जैसे कि तले हुए आलू के चिप्स, समोसे, चीनी-मीठे ड्रिंक, नूडल्स, बर्गर और पिज्जा को स्कूलों में बैन किया जाएगा। इसके बाद अब स्कूलों में इडली और ढोकला जैसी हेल्दी चीजों को मेन्यू में रखा जा रहा है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने यह प्रस्ताव दिया है कि फैट, चीनी और नमक वाले हाई फूड को स्कूल की कैंटीन में नहीं बेचा जाएगा और न ही स्कूल कैंपस से 50 मीटर के दायरे में इन सभी खाने वाली चीजों की बिक्री की जाएगी।
FSSAI ने सोमवार को प्रस्तावित नियम और दिशा-निर्देशों को जारी किया। वहीं इस पर आम जनता और स्टेकहोल्डर्स से इस विषय पर 3 दिसंबर तक अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया है।
FSSAI ने जो दिशा-निर्देश प्रस्तावित किए हैं, उनके तहत 70 से 80 फीसदी भोजन में स्वस्थ तत्व जैसे अनाज, बाजरा, दाल, दूध या दूध से बनी चीजें, अंडे, चिकन या मछली, फल और सब्जियां, ताजे बने सूप, दलिया या पारंपरिक व्यंजन जैसे इडली, खांडवी, ढोकला या पोहा जैसी हेल्दी चीजें होनी चाहिए।
एजेंसी ने कहा ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि बच्चों के लिए क्या स्वस्थ है और क्या नहीं। एक बार अधिसूचित होने के बाद स्कूल में मिड डे मील और अन्य सभी बेची व सप्लाई की जाने वाली चीजों पर इन नियमों को लागू किया जाएगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में खराब खाने के कारण मोटापा बढ़ने का ज्यादा खतरा बना रहता है। स्टडी कहती है कि भारत में पांच में से एक बच्चा मोटापे से ग्रस्त है।