पटना । मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना की सडकों पर निकले। रात के अंधेरे में पैदल मुख्यमंत्री ने शहर के कुछ इलाकों का मुआयना किया। अपने 15 साल के कार्यकाल में नीतीश सबसे बुरे अनुभव से गुजर रहे हैं। एक ओर सहयोगी भाजपा के नगर विकास मंत्री उनकी सुनने को तैयार नहीं है तो दूसरी ओर उनके विश्वासी अधिकारी ही हालात को लेकर उनको झूठी जानकारी देते रहे हैं। मुख्यमंत्री इस बात को लेकर बेहद नाराज है कि सबकुछ मालूम होने के बावजूद प्रशासन हालत से निपटने के लिए न तैयार थी और न ही तैयार होने का प्रयास ही कर रही थी। बिहार में नालों की उगाही से लेकर राहत और बचाव के काम तक बडे ही अनमने तरीके से किया जा रहा है। हालात इतने बुरे हो गये है कि नीतीश अब अपना सबकुछ खोने के बाद बचा हुआ आपा भी खो रहे हैं।
पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश ने राजधानी पटना में हीं सीएम नीतीश का सुशासन डूब गया ।डूबा भी तो ऐसा डूबा कि उससे निकलने का नाम हीं नहीं ले रहा। लाल फीताशाही के नकारेपन ने सीएम नीतीश के सुशासन को नाक तक डूबो दिया। इससे अकबकाए नीतीश ने पहले तो आपात बैठक कर हालात को संभालने की कोशिश की,लेकिन जब सबकुछ डांवाडोल होने लगा तो गुस्से से लाल हो गए। उन्हीं मातहत अधिकारियों पर जिनपर उनका भरोसा सौ फीसदी था।
भला बताइए सीएम को गुस्सा आखिर क्यूं न आए….इनके हीं सामने इनके हीं भरोसेमंद अधिकारियों ने भरोसा ऐसा तोड़ा कि सुशासन के चरित्र पर हीं बन आई। चौथे दिन जब यह पता चला कि हालात में बहुत बदलाव नहीं हो पाया है और सारी दुनिया में सुशासन की भद्द पीट रही है तब सीएम आपे से बाहर हो गए। फिर अधिकारियों को कस के सुना दिया।
जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश को अधिकारियों ने गुमराह किया था। मुख्यमंत्री को प्रधानसचिव लेवल के अधिकारियों ने गलत इनपुट दिया था। सब कुछ गंवाने के बाद जब मुख्यमंत्री को हकीकत का पता चला तो वे अपनी लाज बचाने के लिए दो प्रधानसचिव की जमकर क्लास लगा दी है।
बताया जाता है कि वे इस बात काफी खफा थे कि उन्हें गलत सूचना दी गई।वे इस बात से काफी नाराज थे कि जब मौसम विभाग ने जब अलर्ट किया था तो उस स्तर की तैयारी क्यों नहीं की गई। आपदा प्रबंधन और नगर विकास विभाग की कार्यशैली को लेकर सीएम नीतीश खासे नाराज थे।
सीएम नीतीश ने अधिकारियों से पूछा कि राजधानी में नाला बनाने वाली कंपनी के काम की रफ्तार इतनी धीमी क्यों है। जगह-जगह गड्ढा खोदकर क्यों छोड़ दिया गया है।नया नाला निर्माण होने के पहले हीं पुराने नाले को क्यों तोड़ा गया। जब अलर्ट था तो नगर निगम ने तैयारी क्यों नहीं की। नगर विकास विभाग क्या कर रहा था? सीएम नीतीश ने अधिकारियों से सवालों की झड़ी लगा दी….वहीं अधिकारियों की लापरवाही के संबंध और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने के संबंध में पूछे जाने पर आपदा प्रबंधन मंत्री ने चुप्पी साध ली।