अगर आप अगली बार डॉमिनोज़ पिज़्जा स्टोर पर कुछ ख़रीदने जाएं और वो पैकिंग के लिए आपसे रुपये मांगे तो उसे ये ख़बर पढ़ा दीजिएगा। ख़बर चंडीगढ़ की है। कैरी बैग के 13।33 रुपये वसूलने के चक्कर में डॉमिनोज़ को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। चंडीगढ़ के स्टेट कंज्यूमर कोर्ट (चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग) ने डॉमिनोज़ को दो अलग मामलों में 10 लाख का जुर्माना लगाया है।
क्या है मामला
घटना 13 नवंबर, 2018 की है। पंकज चांदगोठिया नाम के शख़्स ने चंडीगढ़ के सेक्टर 8 में बने डॉमिनोज़ स्टोर से 2 रेगुलर पिज़्जा ऑर्डर किए। पंकज को 305।89 रुपये का बिल मिला। इसमें 13।33 रुपये कैरी बैग के जोड़े गए थे। पंकज को ये बात नहीं जमी। उन्होंने इसकी शिकायत जिला कंज्यूमर फोरम-1 में कर दी। पंकज का कहना था-
पैकिंग जैसे चार्जेस ग्राहक से नहीं वसूल सकते। ये ग़लत व्यापार नीतियों को दिखाता है। पुरी तरह ग्राहक का शोषण है। कंज्यूमर फोरम में पंकज ने कहा कि इस कैरी बैग के दोनों ओर डॉमिनोज़ का नाम और लोगो छपा है। डॉमिनोज़ का विज्ञापन ग्राहक के पैसे पर नहीं हो सकता। क्योंकि सामान हाथ में नहीं ले जा सकते, इसलिए न चाहते हुए भी लोगों को मजबूरन कैरी बैग ख़रीदना पड़ता है।
कंज्यूमर फोरम ने पंकज की दलीलों को सही माना। जिला कंज्यूमर फोरम-1 पंकज की दलीलों से सहमत था। फोरम-1 ने डॉमिनोज़ पर 10, हज़ार का जुर्माना लगाया। साथ ही 100 रुपये पंकज को बतौर नुकसान भरपाई और 500 रुपये केस खर्च चुकाने का आदेश दिया।
1+1= 11
पंकज जिला फोरम-1 के फैसले से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए वो स्टेट कंज्यूमर फोरम में गए। एक पुराने केस (जितेंदर बंसल केस) का उदाहरण देते हुए पंकज ने दलील दी कि जिला कंज्यूमर फोरम-2 ने जतिंदर बंसल केस में 1500 रुपये बतौर नुकसान भरपाई और केस लड़ने का खर्च दिया गया था। साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
स्टेट कंज्यूमर फोरम के प्रेज़िडेंट जस्टिस राज शेखर अत्री (रिटायर्ड) ने आदेश दिया कि जिला फोरम-1 की ओर से पंकज चांदगोठिया केस में नुकसान भरपाई अपर्याप्त है। जतिंदर बंसल केस के बराबर ही इसे केस में मिलना चाहिए।