संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी साल 2020 के विश्व खुशहाली रिपोर्ट में भारत 144 वें स्थान पर रहा जो पिछले साल के मुकाबले चार स्थान नीचे है। फिनलैंड लगातार तीसरे साल इस मामले में शीर्ष पर रहा। इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल (15), पाकिस्तान (29), बांग्लादेश (107) और श्रीलंका (130) से भी पिछड़ गया है।
संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक विश्व खुशहाली रिपोर्ट दुनिया के 156 देशों को इस आधार पर रैंक करती है कि उसके नागरिक खुद को कितना खुश महसूस करते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने विश्व खुशहाली दिवस के अवसर पर 20 मार्च को यह रिपोर्ट जारी की। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में 20 मार्च को विश्व खुशहाली दिवस घोषित किया था।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा ख़ुशी के स्तर को 6 कारकों पर मापा जाता है। इसमें प्रति व्यक्ति आय, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक सपोर्ट, आजादी, विश्वास और उदारता, भ्रष्टाचार को लेकर आम लोगों की सोच शामिल हैं।
इसके अलावा सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव और प्रभावित करने वाली वजहों का भी हर साल के हिसाब से अध्ययन किया जाता है। इसके अनुसार देशों को अंक दिए जाते हैं और उनके हिसाब से देशों की सूची बनाई जाती है।
मालूम हो कि साल 2019 की खुशहाली रिपोर्ट में भी भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित अपने अन्य पड़ोसी देशों से भी नीचे स्थान मिला था।
बता दें कि, इस सूची में भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट देखी गयी है। 2019 में भारत सात पायदान फिसल कर 140वें स्थान पर पहुंच गया था। उससे पहले 2018 में 133वें, 2017 में 122वें और 2016 में 118वें पायदान पर था।
फिनलैंड को लगातार तीसरे वर्ष दुनिया का सबसे खुशहाल देश माना गया है। उसके बाद डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, नीदरलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया का स्थान है। पहली बार लक्जमबर्ग ने शीर्ष 10 देशों में जगह बनाई है और वह 10वें स्थान पर है। कनाडा 11वें, ऑस्ट्रेलिया 12वें और ब्रिटेन 13वें स्थान पर है। अमेरिका 18वें स्थान पर है।
रिपोर्ट के एक लेखक जॉन हेलिवेल ने एक बयान में कहा, ‘सबसे खुश देश वे हैं जहां लोगों को अपनेपन का अहसास होता है, जहां वे एक-दूसरे पर और अपने साझा संस्थानों पर भरोसा करते हैं और आनंद लेते हैं।’ सूची में सबसे नीचे के देश हिंसा और अत्यधिक गरीबी से प्रभावित थे। जिम्बाब्वे, दक्षिण सूडान और अफगानिस्तान सबसे कम खुश देशों के रूप में वर्गीकृत किए गए।
इस वर्ष की विश्व खुशहाली रिपोर्ट के लिए आंकड़ा 2018 और 2019 में एकत्र किया गया था, इस प्रकार यह कोरोनावायरस महामारी (कोविड-19) के प्रसार को रोकने के लिए कई देशों द्वारा लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं हुआ।
हालांकि, रिपोर्ट के लेखकों ने भविष्यवाणी की कि कई देशों में लॉकडाउन से भविष्य में खुशहाली बढ़ सकती है।