डॉ कुमार विश्वास जितने अच्छे कवि हैं उतने ही अच्छे इंसान भी हैं । सेवा का भाव उनके अंदर इस कदर कूट-कूट कर भरा है कि उन्होनें कोरोना काल में लोगों की मदद के लिये विश्वास कोविड केयर खोल दिया जो कि अब गाँव-गाँव तक पहुँच गई है । कुमार विश्वास के इस कदम की तारीफ चहुँओर हो रही है ।
लेकिन आज हम बात करेंगे उनके हाजिर जवाबी की । असल में हुआ यूँ कि कुमार विश्वास ने दो जून की तारीख को अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें उन्होंने एक थाली की फोटो लगाई थी जिसमें रोटी, घीये की सब्जी और गुड़ वगैरह थी । कुमार विश्वास ने यह फोटो 2 जून की रोटी के महत्व के विषय में लगाई थी । लेकिन कुछ लोगों को ये नागवार गुजरा और उन्होनें टांग खिचाई शुरू कर दी ।
नावेद उल अजीम नाम के एक सख्श ने कमेंट कर लिखा – किसानों की वजह से नसीब होती है ये रोटी, फिर भी उनके समर्थन में एक शब्द नहीं फूटा तुम्हारें मुंह से । समर्थन कहीं और है या लगाम किसी और के हाथ में…
इस कुमार विश्वास ने जो जवाब दिया वो काबिलेतारिफ था । उन्होनें लिखा – प्रिय नावेद उल अजीम जी, पहले तो आपको ‘’तू-तड़ाक’’ की भाषा सिखाने वाली आपकी पूज्य अम्मी को मेरा राम-राम निवेदित करें । अब रही बात इस भोजन की, तो इस थाली में सब मेरे स्वयं के द्वारा अपने खेत में पैदा किया हुआ अन्न है । बैंगन व घीये की सब्जी में है वो चना भी हमने अपने केवी कुटीर में पैदा किया है । रायता मेरी गोशाला की गीर गाय के दही का है । गुड़ अपनी ईख का है । प्याज व ककड़ी भी अपने यहाँ की उगाई हुई है। पानी अपने ट्यूबवेल से लिया हुआ है । यहाँ तक की जीरा, तेजपात, धनिया भी यहीं उगाया है । हाँ अलबत्ता नमक जरूर गुजरात का है, उससे गुजरात के होने से आपको कोई विशेष समस्या रहती हो तो वो तो अभी कुछ और समय तक रहेगी । सहन करें, उस मामले में मैं कुछ नहीं कर सकता । आप अपना ध्यान रखें और कुंठा के अतिरिक्त कोई और व्याधि हो तो हमें बताएं । हम दवा और डॉक्टर दोनो भेज देगें ।
कुमार विश्वास के इस हाजिर जवाब को कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है । सभी डॉक्टर साहेब की वाहवाही कर रहे हैं । कुमार विश्वास इसी तरह कई लोगों को अपनी हाजिर जवाबी से निरूत्तर कर दे रहे हैं । उनका यह पोस्ट भी खूब वायरल हो रहा है ।