आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 खत्म होने के बाद भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने लिया संन्यास. आपको बता दें कि धोनी के संन्यास को लेकर अटकलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी, जबकि उनके कई अनगिनत फैंस उन्हें साथ लेकर चलना चाहते थे, जबकि कुछ बल्लेबाज के रूप में उनकी विकेटिंग क्षमताओं पर सवाल उठा रहे थे. इंग्लैंड एंड वेल्स में हाल ही में खत्म हुए विश्व कप में धोनी की धीमी बल्लेबाजी सवालों के घेरे में थी. ऐसी भी खबरें हैं कि भारत को 2011 में 28 साल बाद विश्व कप दिलाने वाले कप्तान को आने वाले विंडीज दौरे में टीम को जगह न मिले.
भारत को क्रिकेट (Cricket) की दुनिया में अलग मुकाम पर ले जाने वाले टीम इंडिया (Team India) के पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni Retirement) ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. धोनी ने बतौर कप्तान भारत को साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी दिलाई. भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जितनी सफलता हासिल की शायद ही किसी भारतीय कप्तान के पास इतना बड़ा रिकॉर्ड हो. धोनी के रिटायरमेंट की घोषणा ने एक ओर जहां उनके चाहने वालों को मायूस किया है, वहीं ये सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर ऐसे समय में धोनी ने संन्यास लेने की घोषणा क्यों की?
महेंद्र सिंह धोनी चाहते थे कि वह भारत को एक और बड़ा खिताब दिलाकर संन्यास की घोषणा करेंगे. इसके लिए वह टी-20 वर्ल्ड कप का इंतजार भी कर रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस ने उनकी सारी प्लानिंग पर पानी फेर दिया. टी-20 वर्ल्ड कप टाल दिया गया और धोनी जिस तरह से क्रिकेट को अलविदा कहना चाहते थे वो नहीं हो सका.
महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की घोषणा पर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, धोनी काफी समय से आईपीएल टी-20 टूर्नामेंट का इंतजार कर रहे थे. कोरोना न होता तो शायद आईपीएल मार्च-अप्रैल में होता. आईपीएल में उनका अच्छा परफॉर्मेंस उनके लिए टी-20 वर्ल्ड कप के दरवाजे भी खोल देता. धोनी की चाहत थी कि वह भारत को अगला टी-20 वर्ल्ड कप दिलाने के बाद संन्यास की घोषणा कर देते. पर कई बार कुछ चीजें आपके हाथ में नहीं होती हैं. कोरोना वायरस ने सबकुछ बर्बाद कर दिया.
गावस्कर ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर जिस तरह के हालात हैं उसे देखने से लगता है कि टी-20 वर्ल्ड कप अब अगले साल ही हो पाएगा. धोनी को पता था कि तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. धोनी जिस तरह से क्रिकेट को अलविदा कहना चाहते थे, वह मुमकिन नजर नहीं आ रहा था. यही कारण है कि उन्होंने एकाएक संन्यास की घोषणा कर दी.