केंद्र सरकार हज यात्रा करने वालों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के प्रावधान से छूट दे सकती है। इस सिलसिले में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री से बहुत सकारात्मक जवाब मिला है। नकवी ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में वित्त मंत्री को पत्र भी लिखा है।
दरअसल, 2019 के बजट में विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने वालों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी कर दिया गया था। इसमें अन्य लोगों के साथ हज यात्री भी स्वत: आ जाते हैं। अब यह प्रावधान अमल में आ रहा है। इस साल कोरोना की वजह से हज यात्रा नहीं हुई। इसलिए यह मामला ज्यादा सुर्खियों में नहीं आया, लेकिन अब नए साल की हज तैयारियों के लिए मुख्तार अब्बास नकवी ने 19 अक्तूबर को बैठक बुलाई है। इसमें इस मामले पर चर्चा हो सकती है।
नकवी ने कहा कि वित्त मंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हज यात्रा करने के लिए आयकर रिटर्न अनिवार्य करने का प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा। नकवी ने बताया कि हज समिति के जरिये जाने वाले अधिकतर यात्री आर्थिक तौर पर कमजोर होते हैं।
हज के लिए लोग पूरी जिंदगी पैसे जोड़ते हैं। ऐसे में उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि 2018 में हज सब्सिडी भी खत्म कर दी गई है। इसके साथ बिना महरम के महिलाओं को हज यात्रा करने की अनुमति दी गई है।